हिमाचल के कांगड़ा में 653 किसानों ने बेचा धान, अभी तक 7159 मीट्रिक टन हुई खरीदी

फतेहपुर और रियाली केंद्रों ने क्रमशः 5,000 और 2,000 मीट्रिक टन के लक्ष्य के मुकाबले 2,149.12 और 2,052.56 मीट्रिक टन धान खरीदा. निगम ने धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,203 रुपये प्रति क्विंटल पर की.

Kisan India
नोएडा | Published: 19 Dec, 2025 | 06:00 AM

Himachal Pradesh News: राज्य खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम ने कृषि विपणन समिति (APMC) के सहयोग से इस साल कांगड़ा जिले में 653 किसानों से 7,159.68 मीट्रिक टन धान खरीदा, जबकि लक्ष्य 10,100 मीट्रिक टन था. जिले में चार निर्धारित खरीद केंद्रों पर खरीद 3 अक्टूबर से शुरू होकर 15 दिसंबर को समाप्त हुई. पिछले साल निगम ने जिले में रिकॉर्ड 1,346.26 मीट्रिक टन धान खरीदा था. चारों में से तीन खरीद केंद्र जिले के निचले इलाकों में थे.

APMC ने मिलवान और रियाली (इंदौरा उपखंड) तथा फतेहपुर (कांगड़ा) में क्रमशः 1,100, 600 और 400 मीट्रिक टन क्षमता वाले तीन केंद्र संचालित किए. पिछले साल नागरोटा बगवां में नया केंद्र बनाया गया था, लेकिन वहां केवल 18 किसानों से 55.57 मीट्रिक टन धान खरीदी गई. मिलवान केंद्र ने इस साल 3,000 मीट्रिक टन के लक्ष्य के मुकाबले 2,902.42 मीट्रिक टन धान खरीदा.

21,110 मीट्रिक टन धान खरीदा गया

फतेहपुर और रियाली केंद्रों ने क्रमशः 5,000 और 2,000 मीट्रिक टन के लक्ष्य के मुकाबले 2,149.12 और 2,052.56 मीट्रिक टन धान खरीदा. निगम ने धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,203 रुपये प्रति क्विंटल पर की. यह निगम द्वारा धान खरीद  का तीसरा साल था, जब इस कार्य को खाद्य निगम ऑफ इंडिया (FCI) से संभाला गया. पूरे राज्य के 21 केंद्रों पर खरीद 15 दिसंबर को समाप्त हुई और अंतिम दिन तक कुल 21,110 मीट्रिक टन धान खरीदा गया.

इस वजह से कम हुई धान खरीदी

कांगड़ा APMC की सचिव शगुन सूद ने कहा कि धान की खरीद को आसान बनाने के लिए केंद्रों पर पीने का पानी, वेटिंग रूम, बिजली, पार्किंग, लकड़ी के बक्से और धान साफ करने के लिए झड़नी मशीन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं. इन इंतजामों से किसानों के लिए खरीद प्रक्रिया  सहज और सुविधाजनक रही. धरमशाला के खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम के एरिया मैनेजर जगीर सिंह ने कहा कि इस साल धान की खरीद कम होने के मुख्य कारण कम उपज थे. निचले कांगड़ा के मंड क्षेत्र में बाढ़ और फसल रोगों के कारण उत्पादन कम हुआ. मंड क्षेत्र आमतौर पर उच्च उपज देने वाला है, लेकिन इस साल लंबी मॉनसून बारिश और बीबीएमबी द्वारा बीस के पोंग डैम से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण खेत जलमग्न हो गए, जिससे फसल खराब हो गई.

5,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान

वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन 2025-26 में अब तक धान की खरीद के लिए 5,000 करोड़ रुपये से अधिक भुगतान किया है. इस सीजन में राज्य ने लगभग 21.4 लाख टन (2.14 मिलियन टन) धान खरीदा है, जबकि इसका लक्ष्य 60 लाख टन (6 मिलियन टन) है. इस सीजन के लिए सामान्य किस्म के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य  (MSP) 2,369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए के लिए 2,389 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. यदि लक्ष्य पूरा हो जाता है, तो संस्थागत धान खरीद किसानों की आय में 14,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान करेगी. इसके अलावा, यूपी खाद्य विभाग ने लगभग 1.6 लाख टन बाजरा (मोती बाजरा) भी खरीदा है.

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Published: 19 Dec, 2025 | 06:00 AM
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