Navratri 2025: हिमाचल का रहस्यमयी मंदिर, जहां पानी भी नहीं बुझा सका अग्नि ज्योति, यहां अकबर का भी टूटा था घमंड!
Maa Jwalamukhi Temple History: क्या आपने कभी ऐसा चमत्कार सुना है जहां जलती हुई आग को पानी भी न बुझा सके? जी हां! हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित ज्वालामुखी मंदिर में सदियों से एक अद्भुत ज्योति लगातार जल रही है. मान्यता है कि यह वही स्थान है जहां माता सती की जीभ गिरी थी और तभी से यहां अग्नि का अखंड रूप प्रकट हुआ. न पानी इसे बुझा पाया, न ही किसी राजा का घमंड इस ज्योति पर हावी हो सका. यही रहस्यमयी शक्ति इस मंदिर को आस्था का केंद्र और भक्तों के लिए चमत्कारिक धाम बनाती है.
Maa Jwalamukhi Mandir: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित ज्वालामुखी मंदिर अपनी अखंड ज्योतियों के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि ये अग्नि प्राकृतिक रूप से प्रज्वलित रहती हैं और इन्हें पानी डालकर भी कोई नहीं बुझा सकता.
Maa Jwalamukhi Mandir History: मान्यता है कि जब भगवान शिव के तांडव के दौरान माता सती के अंग पृथ्वी पर गिरे, तब ज्वालामुखी में उनकी जीभ गिरी थी. इसी कारण यहां अग्नि तत्व प्रकट हुआ और तब से यह स्थान शक्तिपीठ के रूप में पूजित है.
Maa Jwalamukhi: सम्राट अकबर अपने साम्राज्य और शक्ति के घमंड में मंदिर पहुंचे और मां की ज्योतियों को बुझाने का प्रयास किया. उन्होंने लोहे के कड़े लगवाए और पास की नहर का पानी मोड़ा, लेकिन ज्योतियां कभी बुझीं ही नहीं.
Maa Jwalamukhi Dham: ज्योतियां न बुझने पर अकबर ने मां के चरणों में सोने का छत्र चढ़ाया. लेकिन देवी ने उसके अहंकार को स्वीकार नहीं किया और देखते ही देखते वह छत्र साधारण धातु में बदल गया.
51 Shaktipeeth: यह मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में शामिल है और यहां लाखों श्रद्धालु हर साल दर्शन के लिए आते हैं. मां ज्वाला का यह रूप भक्तों को अटूट आस्था और शक्ति प्रदान करता है.
Jwalamukhi Mandir Himachal: इस ज्योति के रहस्य को जानने के लिए कई वैज्ञानिकों ने शोध किया, लेकिन अब तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं मिल पाया. आज भी यह ज्योति भक्तों के लिए आस्था और रहस्य दोनों का प्रतीक है.