तमिलनाडु सरकार द्वारा धान की खरीदी कीमत बढ़ाने के फैसले पर डेल्टा क्षेत्र के किसानों ने चिंता जताई है. किसानों का कहना है कि जो प्रोत्साहन राशि दी गई है, वह खेती की बढ़ती लागत के मुकाबले काफी कम है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि बीज, खाद, डीजल और मजदूरी जैसी लागतों को ध्यान में रखते हुए कीमतों को फिर से तय किया जाए. किसान नेताओं ने राज्य सरकार से धान का एमएसपी 3,600 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की मांग की है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने महीन किस्म के धान पर MSP 2,389 रुपये प्रति क्विंटल के अलावा 156 रुपये बोनस और आम किस्म पर MSP 2,369 रुपये प्रति क्विंटल के अलावा 131 का बोनस घोषित किया है. इससे किसानों को महीन किस्म पर 2,545 रुपये और आम किस्म पर 2,500 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे. लेकिन किसानों का कहना है कि ये दाम बढ़ती लागत को पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
3,600 रुपये क्विंटल धान के MSP की डिमांड
तमिल मनिला कांग्रेस के किसान विंग के कोषाध्यक्ष वायलूर एन. राजेन्द्रन ने कहा कि बीज, मजदूरी, रासायनिक और जैविक खाद, मशीन किराया और ईंधन की कीमतें पिछले वर्षों की तुलना में काफी बढ़ चुकी हैं. ऐसे में बढ़ती लागत को देखते हुए MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को भी बढ़ाया जाना चाहिए. वायलूर एन. राजेन्द्रन ने कहा कि मौजूदा धान का MSP को बढ़ाकर 3,600 रुपये प्रति क्विंटल किया जाना जरूरी है.
किस राज्य में कितना है धान का रेट
स्वामीमलाई के एस. विमलनाथन, जो तमिलनाडु कावेरी किसान सुरक्षा संघ के सचिव हैं, उन्होंने कहा कि सत्ताधारी DMK पार्टी ने पांच साल पहले विधानसभा चुनाव में किसानों से अधिक समर्थन मूल्य देने का वादा किया था. उस वक्त 2,500 रुपये प्रति क्विंटल सही माना जा रहा था, लेकिन अब जब खेती की लागत काफी बढ़ गई है, तो राज्य सरकार को कम से कम 3,000 रुपये प्रति क्विंटल तय करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे राज्य किसानों को 3,160 रुपये प्रति क्विंटल तक दे रहे हैं. तमिलनाडु सरकार को भी किसानों को इतना ही दाम देना चाहिए.
सरकार ने हाल ही में की थी ये घोषणा
दरअसल, तमिलनाडु सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि इस साल 1 सितंबर से शुरू होने वाले खरीफ विपणन सीजन (KMS) के लिए किसानों को ग्रेड-A किस्म के धान का 2,545 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य किस्म का 2,500रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य दिया जाएगा. खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री आर. शक्करपाणी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि सत्ताधारी DMK सरकार ने चुनाव में किए गए वादे को पूरा करते हुए धान का खरीद मूल्य 2,500 रुपये तय कर दिया है. किसान 2021 में सरकार बनने के बाद से इस वादे को लागू करने की मांग कर रहे थे.