देश में मानसून के दस्तक देते ही किसानों ने खरीफ फसलों की बुवाई शुरू कर दी है. प्री मॉनसून बारिश होने के बाद से राजस्थान के जिले अलवर के किसानों में खुशी की लहर है. यहां कि किसानों ने अलवर जिले के आसपास के इलाकों में बाजरा और कपास की बुवाई शुरू कर दी है.कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि प्री मानसून बारिश ने खेतों में हरियाली की उमीदें जगा दी हैं. कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र के मुंडावर, कोटकासिम, किशनगढ़बास सहित अन्य क्षेत्रों में लगभग 50 फीसदी किसानों ने बाजरे की बुवाई कर दी है.
1.48 लाख हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य
जिले के कृषि विभाग के अनुसार इस साल जिले में 1 लाख 48 हजार हेक्टेयर जमीन पर बाजरा की खेती करने का लक्ष्य तय किया गया है. जानकारी के अनुसार कृषि विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज उपलब्ध हैं. किसान इंडिया से बात करते हुए सहायक कृषि अधिकारी डॉ. राजेंद्र बसवाल ने बताया कि मई में हुई बारिश से बाजरे की बुवाई करने वाले किसानों को बढ़ते तापमान से ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बाजरा की बुवाई के लिए 35 एमएम से 50 एमएम तक की बारिश की जरूरत होती है.
नमी होने पर ही करें बुवाई
सहायक कृषि अधिकारी डॉ. राजेंद्र बसवाल ने किसानों को सलाह दी है कि बाजरा के बीजों की बुवाई से पहले खरपतवारों को जरूर निकालें. खरपतवारों को हटाने के बाद ही बीजों की बुवाई करें. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अगर बारिश हल्की होगी तो बीजों में सही से अंकुरण नहीं हो पाएगा. इसलिए बीजों की बुवाइ से पहले मिट्टी की नमी जरूर जांच लें. अगर नमी हो तभी बीजों की बुवाई करें. बता दें कि बाजार की खेती के लिए बारिश का मौसम सबसे सही होता है. डॉ. राजेंद्र बसवाल ने बताया कि जिन 50 फीसदी किसानों ने अभी बाजरा की बुवाई नहीं की है वे मॉनसून की बारिश शुरू होते ही इसकी खेती शुरू कर देंगे.
किसानों से खेत तैयार करने की अपील
अलवर जिले के कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी डॉ. राजेंद्र बासवाल ने किसानों को सलाह देते हुए बताया कि जो किसान बाजरे की बुवाई करना चाहते हैं , वे अपने खेत को पहले से ही तैयार रखें. जैसे ही मॉनसून की पहली बारिश हो किसान तुरंत खेत की जुताई कर बीजों की बुवाइ करें. अगर किसानों ने खेत की जुताई पहले से कर रखी है तो 25 से 30 मिली बारिश होने के बाद ही बाजरे की बुवाई करें. लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं.