हर घर के किचन में मौजूद है दुनिया की बेहतरीन खाद, गमले में इस तरह करें इस्तेमाल और फिर देखें पौधों पर कमाल

अब गांवों में भी टेरिस फार्मिंग का चलन बढ़ रहा है, लेकिन बाजार से खाद खरीदना महंगा पड़ता है. किचन वेस्ट जैसे आलू के छिलके, चाय पत्ती और एक्सपायर दवाएं बेहतरीन जैविक खाद बन सकती हैं. इनका सही उपयोग पौधों की ग्रोथ और पैदावार बढ़ाने में मदद करता है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 26 Sep, 2025 | 12:27 PM

Terrace Farming: शहर के साथ-साथ अब गांवों में भी टेरिस फार्मिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है. लोग गमले में अब केवल फूल ही नहीं, बल्कि सब्जियां भी उगा रहे हैं. इससे लोगों को जैविक और ताजी सब्जियां खाने को मिल रही हैं. लेकिन कई लोग गमले में उर्वरक डालने के लिए मार्केट से खाद खरीदकर इस्तेमाल करते हैं. इससे टेरिस फार्मिंग का खर्च बढ़ जाता है. लेकिन ऐसे लोगों को मालूम होना चाहिए कि हमारे किचन में ही कई ऐसी वेस्टेज चीजें मौजूद हैं, जिसे हम जैविक उर्वरक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे खर्च की भी बचत होगी और पैदावार में भी बढ़ोतरी होगी.

दरअसल, हरेक इंसान के किचन में ऐसी जैविक खाद  होती है, जिसे इस्तेमाल करने के लिए आपको कोई खर्च नहीं करना पड़ेगा. ये जैविक खाद आप कचरे के डब्बे में डालने के बजाय सीधे गमलों में डाल सकते हैं. इससे पौधे तेजी से बढ़ेंगे और आपको ताजी, शुद्ध और ऑर्गेनिक फल-सब्जियां  भी मिलेंगी. खास कर आलू ऐसी सब्जी है, जो हर भारतीय के घर में रोज इस्तेमाल होता है. अधिकांश लोग आलू से छिलके उतारकर फेक देते हैं. पर मालूम होना चाहिए कि छिलके बड़े काम के चीज हैं.

आलू का छिलका है बेहतरीन खाद

क्योंकि आलू का छिलका जब सड़ता है तो वह बेहतरीन खाद बन जाता है. इसलिए आलू के छिलके  को फेकने के बजाय, उसे फूलों, फलों या सब्जियों के गमले में डालकर मिट्टी में मिलाएं. सड़ने के बाद छिलके जैविक खाद बन जाएंगे. इससे पौधों का तेजी से विकास होग और पैदावार भी अच्छी होगी.

पूरे साल हरा-भरा रहेगा मनी प्लांट

आलू की तरह चाय पत्ती भी बढ़िया जैविक खाद का काम करती है. लेकिन ज्यादातर लोग चाय बनाने के बाद चाय पत्ती को भी आलू के छिलकों की तरह कूड़ेदान में फेंक देते हैं. उन्हें पता नहीं होता कि यह फल और सब्जियों के पौधों के लिए बहुत फायदेमंद होती है. विशेषज्ञों के अनुसार, चाय पत्ती  को सीधे गमले में नहीं डालना चाहिए. पहले उसे पानी से धो लें, वरना गमले में चींटियां लग सकती हैं, जिससे पौधे सूख सकते हैं. गमले में पानी से धोकर डाली गई चाय पत्ती से बनी खाद, खासकर मनी प्लांट के विकास के लिए रामबाण की तरह काम करती है. इससे मनी प्लांट पूरे साल हरा-भरा रहता है.

एक्सपायर दवाइयों का ऐसे करें इस्तेमाल

इसके अलावा, अधिकांश लोगों के घरों में कई दवाइयां होती हैं. खासकर सर्दी, जुकाम, बुखार और सर दर्द की दवाइयां तो हर घर में मौजूद होती हैं. इन दवाइयों को अगर एक समय सीमा तक इस्तेमाल नहीं किया गया, तो धीरे-धीरे एक्सपायर हो जाती हैं. लोग एक्सपायर दवाइयों  को बाहर फेक देते हैं, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि ये भी जैविक खाद का काम कर सकती हैं. आप एक्सपायर दवाइयों को फेकने के बजाय पानी या मिट्टी में मिला कर कंपोस्ट बना सकते हैं. इस कंपोस्ट को मनी प्लांट या अन्य पौधों के गमलों में खाद के रूप में इस्तेमाल करें. इसके अलावा, एक्सपायर दवाइयों का घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव भी कर सकते हैं, जिससे पौधों पर फंगस या कीड़े-मकौड़े नहीं लगते.

Published: 26 Sep, 2025 | 12:22 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%