बैठक का मुख्य फोकस धान खरीद की प्रक्रिया की समीक्षा करना, संभावित चुनौतियों को पहले से पहचानना और बदले मौसम व जमीनी स्तर की लॉजिस्टिक दिक्कतों का तुरंत समाधान सुनिश्चित करना था. मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि यह सरकार का इस समय सबसे संवेदनशील और अहम कार्यक्रम है. यह सिर्फ किसानों के हित से जुड़ा नहीं है, बल्कि सरकार की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा हुआ है.
किसानों को कोई परेशानी न हो
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अगर किसी तरह की समस्या हो तो पहले सिविल सप्लाई कमिश्नर से बात करें. अगर फिर भी हल न हो, तो सीधे मुझे फोन करें. हम किसी भी समय दखल देने के लिए तैयार हैं. मंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि कटे हुए धान को बारिश और तेज धूप से बचाने के लिए पूरी सावधानी बरतें, ताकि न तो फसल खराब हो और न ही किसानों को कोई परेशानी हो.
23 लाख मीट्रिक टन धान की आवक
अधिकारियों ने जानकारी दी कि 29 अप्रैल तक 23 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान खरीद केंद्रों पर पहुंच चुका है, जिसमें से 19.60 लाख मीट्रिक टन धान करीब 2.55 लाख किसानों से खरीदा जा चुका है. अधिकारियों ने कहा कि अब तक 2,289.81 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में जमा की जा चुकी है, जो कुल MSP मूल्य 4,545.72 करोड़ रुपये का हिस्सा है, और बाकी की प्रक्रिया में है. इसके अलावा 444.20 करोड़ रुपये का बोनस भी तैयार किया जा रहा है.