पोषण वाटिका एक ऐसी छोटी बगिया होती है, जो घर के आंगन या छत पर बनाई जाती है. इसमें अलग-अलग मौसम की हरी सब्जियां और फल उगाए जाते हैं. यह पूरी तरह जैविक होती है, इसमें गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट और घरेलू चीजों का उपयोग किया जाता है.
भारत सरकार भी पोषण वाटिका को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत हर साल सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाती है. वहीं कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से 17 सितंबर को पोषण दिवस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महिलाओं को इसकी जानकारी और ट्रेनिंग दी जाती है.
इसके फायदे यह हैं कि बाजार से सब्जी खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आप कीटनाशक रहित, ताजा और पोषक फल और सब्जियों का सेवन कर सकेंगे. साथ ही इन सब्जियों को आप ऑनलाइन बेचकर अपनी इंकम भी बढ़ा सकते है. साथ ही जैविक फार्मिंग से जमीन की उर्वरता भी बढ़ेगी.
इस फार्मिंग के लिए ऐसी जगह चुनें जहां सूरज की रोशनी भरपूर आती हो. प्रो ट्रे तकनीक से घर पर ही पौध तैयार करें. इसमें वर्मीकम्पोस्ट और रेत का मिश्रण डालें, बीज बोएं और हल्की सिंचाई करें. वहीं गार्डन के लिए क्यारी को गहराई से जोतकर गोबर की खाद डालें.
समय-समय पर नीम की पत्तियों को पानी में भिगोकर छिड़काव करें ताकि पौधे को कीटों और रोगों से बचाव मिलता रहें. बता दें कि प्रो ट्रे प्लास्टिक से बनी ट्रे होती हैं जिनमें छोटे-छोटे मोल्ड जैसे चैंबर होते हैं. इन चैंबर में बीज डाले जाते हैं और ट्रे को नियंत्रित वातावरण में रखकर पौधे उगाए जाते हैं.