Power Weeder: किसानों की मेहनत आधी और मुनाफा दोगुना करती है ये मशीन
पावर वीडर मशीन किसानों की कठिन मेहनत को आधा करके, मुनाफे को दोगुना करती है. यह मशीन खरपतवार नियंत्रण और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने में मददगार साबित होती है.

खेती-बाड़ी में मेहनत तो करनी ही पड़ती है, लेकिन आज के दौर में किसान अपनी मेहनत को थोड़ा आसान बना सकते हैं, वो भी आधुनिक मशीनों के जरिए. इन्हीं में से एक है पावर वीडर, जो खेत में खरपतवार (जंगल की घास) से निपटने का एक बढ़िया समाधान है. पावर वीडर (Power Weeder) न सिर्फ मेहनत बचाता है, बल्कि फसल की बढ़ोतरी में भी मदद करता है. क्या काम करती है, ये मशीन चलिए जान लेते हैं.
क्या है पॉवर वीडर मशीन
पावर वीडर एक छोटा कृषि यंत्र है. खेती में खरपतवार एक बड़ी समस्या है, जो फसलों की पैदावार को प्रभावित करती है. लगभग 40 से 50 प्रतिशत उत्पादन खरपतवार पर निर्भर रहता है. ऐसे में खरपतवार को नियंत्रण में रखना किसानों के लिए जरूरी हो जाता है, लेकिन इसमें काफी मेहनत लगती है. पावर वीडर इस मेहनत को कम करने में मदद करता है. ये मशीन वहां भी काम कर सकती है, जहां ट्रैक्टर नहीं पहुंच पाते, जैसे कि संकरे खेत या बाग-बगीचे.
फसल उत्पादन में इजाफा
इस मशीन में एक छोटा इंजन होता है, जो जमीन में लगे खरपतवार को काटता है और मिट्टी में मिला देता है. साथ ही यह मशीन खेत को समतल भी करती है और मिट्टी की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचाए बिना जुताई कर देती है. इससे पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं और पैदावार में इजाफा होता है.
ट्रैक्टर की तुलना में सस्ता और उपयोगी
पावर वीडर किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यह मशीन कम समय में खेतों की निराई-गुड़ाई, जुताई और मिट्टी चढ़ाने जैसे काम करती है. इससे मजदूरी का खर्च घटता है और फसल की पैदावार बढ़ती है. इतना ही नहीं इसका सब्जी, बागवानी और छोटे खेतों में खूब इस्तेमाल हो रहा है. देखा जाए तो ट्रैक्टर की तुलना में यह सस्ता और छोटे खेतों के लिए बेहद उपयोगी विकल्प है.
इसलिए बन रही किसानों की पहली पसंद
आज के समय में जहां खेती की लागत बढ़ रही है और श्रमिक मिलना मुश्किल हो गया है, वहां Power Weeder एक सस्ता और टिकाऊ समाधान बन गया है. इसकी मदद से किसान खुद ही खेत की निराई-गुड़ाई जैसे जरूरी काम कर सकते हैं और फसल की देखभाल बेहतर तरीके से कर सकते हैं.