गमले में उगाएं फ्रेंच बींस, जानिए स्टेप-बाय-स्टेप तरीका

गमले में खेती के लिए ड्वार्फ यानी बौनी किस्म की फ्रेंच बींस सबसे बढ़िया मानी जाती हैं. ये ज्यादा जगह नहीं लेतीं और आसानी से एक सामान्य गमले में अच्छी उपज दे देती हैं.

गमले में उगाएं फ्रेंच बींस, जानिए स्टेप-बाय-स्टेप तरीका
नई दिल्ली | Published: 17 Apr, 2025 | 05:56 PM

अगर आपके पास खेत नहीं है और आप सब्जियां उगाने के शौकीन हैं, तो फ्रेंच बींस आपके लिए परफेक्ट हैं. यह न सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं बल्कि गमलों में इन्हें उगाना भी बेहद आसान होता है. इसमें न तो कीटनाशकों का डर है और न ही मिलावट की चिंता. तो चलिए जानते हैं कैसे छोटे गमलों में भी बेहद आसानी के साथ फ्रेंच बींस लगाई जा सकती है.

सही बीज का चुनाव

गमले में खेती के लिए ड्वार्फ यानी बौनी किस्म की फ्रेंच बींस सबसे बढ़िया मानी जाती हैं. ये ज्यादा जगह नहीं लेतीं और आसानी से एक सामान्य गमले में अच्छी उपज दे देती हैं.

धूप का रखें ध्यान

फ्रेंच बींस को रोजाना कम से कम 6 घंटे की सीधी धूप चाहिए होती है. इसलिए गमला ऐसी जगह रखें जहां दिन भर सूरज की रोशनी आती हो.

मिट्टी और गमला

गमला ऐसा हो जिसमें पानी निकास (ड्रेनेज) की अच्छी व्यवस्था हो. मिट्टी में जैविक खाद, वर्मी कम्पोस्ट या गोबर की खाद मिलाकर उसे पौधों के अनुकूल बना लें. ध्यान रहे कि मिट्टी ज्यादा सख्त न हो, वरना जड़ें ठीक से बढ़ नहीं पाएंगी.

बीज बोने का सही तरीका

अब बात आती है बीज बोने की. लगभग 1 इंच गहराई पर बीजों को सीधे मिट्टी में बोएं. अगर आप एक से ज्यादा गमले में बींस उगा रहे हैं, तो हर पौधे के बीच करीब 1 फुट का फासला रखें ताकि सभी पौधों को बढ़ने की पर्याप्त जगह मिले.

पानी और मल्च

फ्रेंच बींस को नियमित पानी देना जरूरी है, खासकर तब जब पौधा फूल दे रहा हो या फल आ रहे हों. साथ ही, मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए सूखे पत्तों या भूसे से मल्चिंग करें. इससे खरपतवार भी नहीं उगते.

फसल की पहली तोड़ाई

जब फलियां लगभग 4 से 6 इंच लंबी हो जाएं और नरम लगें, तभी उन्हें तोड़ लें. पहली तोड़ाई के बाद पौधा और फलियां देने लगता है, इसलिए नियमित तोड़ाई करते रहना जरूरी है.

खाद और कीट नियंत्रण

अगर आपकी मिट्टी पहले से पोषक है, तो ज्यादा खाद की जरूरत नहीं होती. फिर भी चाहें तो हल्की मात्रा में बैलेंस्ड जैविक खाद महीने में एक बार दे सकते हैं. कीटों से बचाव के लिए नीम तेल या अन्य प्राकृतिक जैविक उपाय अपनाएं.

Topics: