Garlic Farming Tips: लहसुन की खेती में किसान अपनाएं कुछ आसान टिप्स, कंद बनेंगे मोटे और ज्यादा पैदावार होगी
रबी सीजन में मसालों की खेती खूब की जाती है, इन्हीं मसालों की फसलों में से एक फसल है 'लहसुन', जो उच्च पैदावार और अच्छे बाजार भाव के कारण किसानों के लिए एक लाभदायक नगदी फसल बन गई हैं. किसान लहसुन की फसल से अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं.
Garlic Farming: रबी सीजन की शुरुआत हो गई है. ऐसे में अगर किसान सही समय पर मसालों की फसलों की खेती करते हैं, तो उन्हें दूसरी फसलों की तुलना में ज्यादा मुनाफा मिल सकता है. इन्हीं मसालों की फसलों में से एक फसल है ‘लहसुन’, जो उच्च पैदावार और अच्छे बाजार भाव के कारण किसानों के लिए एक लाभदायक नगदी फसल बन गई हैं.
लहसुन एक मसाला फसल है. जिसका उपयोग भारतीय किचन में खूब किया जाता है साथ ही इसमें औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं, जो हमें अंदर से फिट और तंदुरुस्त रखने में मदद करते हैं. लहसुन की खेती आज के समय में किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प बन चुकी है. इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है. इसकी अच्छी फसल के लिए बुवाई से लेकर कटाई तक हर चरण में ध्यान देना जरूरी होता है. समय पर खाद, उर्वरक और सिंचाई न की जाए तो पैदावार पर असर पड़ता है. अगर किसान संतुलित मात्रा में उर्वरक, खाद और पोषक तत्व दे तो लहसुन के कंद बड़े बनते हैं.
लहसुन के कंद छोटे रहने से मुक्ति मिलेगी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक्सपर्ट्स बताते है कि, भारत में लहसुन की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, इससे बहुत से किसानों को मुनाफा भी मिलता है. कई बार फसल की पैदावार तो अच्छी होती है लेकिन लहसुन के कंद छोटे ही रह जाते हैं, जिस कारण किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है. ऐसे में किसान सही समय पर और आवश्यक उर्वरकों का उपयोग करें, तो कंद का आकार भी बढ़ता है और साथ ही पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है.
कब और कौन सी खाद का इस्तेमाल करें
लहसुन की पैदावार बढ़ाने के लिए फसल में पोटाश और बोरान का उपयोग बहुत फायदेमंद होता है. बोरान का प्रयोग फसल की गुणवत्ता सुधरता है और कंद को फटने से बचाता है. इससे लहसुन की कंद मजबूत और बड़े बनते हैं. लहसुन की फसल के 60-70 दिन के बीच म्यूरेट ऑफ पोटाश डालना बेहद फायदेमंद साबित होता है. इसकी मात्रा प्रति एकड़ 30-40 किलोग्राम रखनी चाहिए. इसके उपयोग से फसल में पोटाश की कमी पूरी होती है और कंद का आकार बड़ा होता है.
कब करें फसल में बोरान का छिड़काव
बोरान का उपयोग लहसुन की फसल के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसका उपयोग करने के लिए 200 ग्राम बोरान को 150 से 200 लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए. इसके उपयोग से पौधे में कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व का अवशोषण बेहतर होता है, जिससे लहसुन के कंद मोटे होते हैं और बाजार में अच्छा दाम भी मिलता है.
कितने दिन बाद करें पोटाश का छिड़काव
फसल के 50 से 60 दिनों में कंद बनने लगते हैं. इस समय पौधों को वृद्धि के लिए पोटाश की अधिक आवश्यकता होती है. अगर आप एक एकड़ खेत में 1 किलो एनपीके को पानी में मिलाकर छिड़काव करें, तो इससे पौधों को अतिरिक्त पोषण मिलता है जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है.
80 दिन में हर हाल में कर दें सिंचाई
लहसुन की फसल के लिए समय पर सिंचाई करना आवश्यक है. लहसुन की सिंचाई 70 से 80 दिनों के बीच कर देनी चाहिए. ध्यान रहे, बहुत ज्यादा पानी देने से कंद सड़ सकते हैं और फसल खराब हो सकती है. इसलिए नमी का संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है.
अगर किसान लहसुन की फसल में समय पर खाद, बोरान और पोटाश का प्रयोग करें और सिंचाई का सही प्रबंधन करें, तो कंद का आकार भी बड़ा होगा और पैदावार भी दोगुनी हो सकती है. इस तरह बाजार में लहसुन का अच्छा दाम मिलेगा और किसान की आमदनी बढ़ेगी.