लखीसराय अब सिर्फ पारंपरिक खेती का केंद्र नहीं रहेगा. धान-गेहूं से आगे बढ़ते हुए यह जिला अब बागवानी, शहद और मशरूम उत्पादन के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाने की राह पर है. शनिवार को यहां आयोजित ‘किसान कल्याण संवाद’ कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री व सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जो जिले के कृषि परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकती हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विजन के अनुरूप लखीसराय में खेती को लाभकारी और बहुआयामी बनाने की तैयारी जोरों पर है. कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने कार्यक्रम में कहा कि अब समय आ गया है जब किसान सिर्फ परंपरागत फसलों पर निर्भर न रहकर बागवानी, शहद उत्पादन और मशरूम जैसे विकल्पों की ओर बढ़ें. इसके लिए सरकार जमीन से लेकर बाजार तक हर मोर्चे पर किसानों के साथ खड़ी है.
बागवानी, शहद और मशरूम से किसानों की आमदनी में इजाफा
कृषि मंत्री ने कहा कि पारंपरिक खेती के साथ-साथ अब किसानों को बागवानी फसलों, शहद और मशरूम उत्पादन की ओर बढ़ना होगा. इसके के लिए हलसी कृषि फार्म में 1.04 करोड़ रुपये की लागत से प्लग नर्सरी बनेगी जिससे किसानों को कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाले सब्जी और फल के पौधे मिलेंगे. इसके अलावा उन्होंने वनों से मिलने वाले उत्पादों की ओर भी ध्यान दिया. कृषि मंत्री ने कहा कि चानन और सूर्यगढ़ा के जंगलों में ‘वाइल्ड हनी’ यानी जंगली शहद का उत्पादन किया जाएगा, जिसकी कीमत सामान्य शहद से कई गुना अधिक होती है. वहीं मशरूम उत्पादन करने वाली महिला किसान दीपिका कुमारी ने बताया कि वो 10 कट्ठा में मशरूम उगाकर सालाना 6 लाख रुपये कमा रही हैं. इस पर कृषि मंत्री ने उन्हें बाजार में स्थान देने का निर्देश दिया.
सीड हब से किसानों को मिलेगा शुद्ध बीज
इसके अलावा सीड हब की भी स्थापना की जाएगी, जिस पर 1.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. यहां बीज का उत्पादन, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग होगा और सरकार खुद किसानों से बीज समर्थन मूल्य पर खरीदेगी. इससे बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और किसानों को बार-बार बाहर से महंगे बीज लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

Vijay Kumar Sinha Deputy CM Bihar
कृषि बाजार की स्थापना से किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा
सरकार की योजना सिर्फ उत्पादन तक सीमित नहीं है. लखीसराय में 15 करोड़ रुपये की लागत से एक आधुनिक कृषि बाजार स्थापित किया जाएगा, जिसमें कोल्ड स्टोरेज, मार्केटिंग प्लेटफॉर्म और गोदाम की सुविधा होगी. इससे किसानों को अपने उत्पादों के अच्छे दाम मिलेंगे और वे ऑनलाइन भी फसल बेच सकेंगे, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी.
खाद-बीज और कृषि यंत्र अब आसानी से उपलब्ध
खाद-बीज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेल रैक प्वाइंट की स्थापना पूरी कर ली गई है. कृषि मंत्री ने कहा कि इस बार बीज की आपूर्ति दोगुनी की जाएगी और जिन किसानों को कृषि यंत्रों की जरूरत है, उन्हें कृषि यंत्र बैंक के माध्यम से कम किराए पर यंत्र मिलेंगे. प्याज उत्पादकों के लिए भंडारण पर 4.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जाएगी.
बिहार की कृषि आत्मनिर्भरता की ओर
बीज कार्यक्रम में किसानों ने भी खुलकर सुझाव दिए. बीज उत्पादक मंजीत कुमार ने भुगतान में पारदर्शिता की मांग की, जिस पर कृषि मंत्री ने तुरंत कार्रवाई का निर्देश दिया. जैविक खेती करने वाले किसानों ने जैविक उत्पादों के लिए अलग बाजार की मांग की. कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने भरोसा दिलाया कि बिहार आत्मनिर्भर कृषि की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड और कृषि यंत्रीकरण योजना जैसे कार्यक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार किसानों के हर सपने को पूरा करने को प्रतिबद्ध है.