रेन हार्वेस्टिंग तकनीक से करें सिंचाई, होगी पानी की बचत

रेन वाटर हार्वेस्टिंग एक ऐसी सिंचाई तकनीक है जिसमें किसान बारिश के पानी को स्टोर करके रखते हैं. स्टोर किए गए इस पानी का इस्तेमाल खेतों की सिंचाई, घरेलू कामों में और पानी से जुड़े और कामों के लिए किया जाता है.

नोएडा | Published: 10 May, 2025 | 03:27 PM

फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए जरूरी है कि किसान खेत की सिंचाई बेहतक तरीके से करें. लेकिन कई बार घटते जल स्तर के चलते पानी की कमी रहती है. जिसके कारण किसान अपने खेतों में पर्याप्त मात्रा में सिंचाई नहीं कर पाते हैं. ऐसे में मिट्टी में नमी न होने के कारण फसलें सही से बढ़ नहीं पाती और अच्छी उपज नहीं हो पाती. किसानों को भी इसका भारी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में किसान एक ऐसी तकनीक अपना सकते हैं जिससे वे कम पानी में भी खेतों की सिंचाई कर सकें. हम बात कर रहे हैं रेन वाटर हार्वेस्टिंग की, तो चलिए जान लेते हैं क्या है ये तकनीक और किस तरह काम करती है.

क्या है रेन वाटर हार्वेस्टिंग

रेन वाटर हार्वेस्टिंग एक ऐसी सिंचाई तकनीक है जिसमें किसान बारिश के पानी को स्टोर करके रखते हैं. इकट्ठा किए गए पानी को किसान किसी बैरल या टैंक में स्टोर करके रखते हैं. स्टोर किए गए इस पानी का इस्तेमाल खेतों की सिंचाई, घरेलू कामों में और पानी से जुड़े और कामों के लिए किया जाता है.

खेती में क्या है इसके फायदे

रेन वाटर हार्वेस्टिंग से खेती में कई तरीके के फायदे होते हैं. जिन इलाकों में पानी की कमी होती है वहां इस तकनीक की मदद से किसान पानी स्टोर करके समय आने पर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं. बता दें कि बारिश के पानी में हानिकारक खनिजों की मात्रा कम होती है जो कि पौधों के लिए स्वस्थ होती है. इस तरह सिंचाई करके किसान सिंचाई में होने वाले खर्च को कम कर सकते हैं.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नुकसान

अगर पानी बहुत समय तक ठहराव वाली स्थिति में रहे तो उसमें संक्रमण का खतरा बना रहता है. ऐसे में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को रख रखाव और सफाई की बहुत जरूरत होती है ताकि पानी संक्रमित न हो. इसके साथ ही इस तकनीक के इस्तेमाल के लिए बड़ी जगह की जरूरत होती है इसलिए कम जगह में इस तकनीक का इस्तेमाल करना मुश्किल होता है. एक और बात है जिसका खास ध्यान रखने की जरूरत है कि अगर बारिश का पानी सही से फिल्टर न किया जाए तो पानी की गुणवत्ता में गिरावट आ जाती है.