सोमवार की सुबह महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में तेज बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया. हर साल की तरह इस बार भी मानसून की पहली बारिश ने यह साबित कर दिया कि माया नगरी का बुनियादी ढांचा अब भी भारी बारिश के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है. सड़कें डूब गईं, ट्रेनों की रफ्तार थम गई और उड़ानों में देरी के कारण मुसाफिर परेशान हो गए.
तेज बारिश से शहर पानी-पानी
सुबह से ही मुंबई में लगातार मूसलधार बारिश हुई. खासकर कुर्ला, सायन, दादर और परेल जैसे निचले इलाकों में पानी भर गया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और तस्वीरों में देखा जा सकता है कि गाड़ियां सड़कों पर रेंग रही हैं और लोग घुटनों तक पानी में चलने को मजबूर हैं.
लोकल और लंबी दूरी की ट्रेनें दोनों प्रभावित
रेलवे ट्रैकों पर पानी भरने के कारण मुंबई की लोकल ट्रेनें देरी से चल रही हैं. सेंट्रल रेलवे ने बताया कि धीमी लोकल ट्रेनें कल्याण की ओर औसतन 5 मिनट लेट हैं और सीएसएमटी की ओर जाने वाली फास्ट लोकल ट्रेनें 10 मिनट तक लेट चल रही हैं. हार्बर और वेस्टर्न लाइनों पर भी देरी की खबरें हैं.
रेलवे ट्रैकों के जलमग्न होने के कारण दिल्ली और बिहार जाने वाली कई लंबी दूरी की ट्रेनें भी देर से चल रही हैं. इससे हजारों यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई है.
हवाई उड़ानों पर भी बारिश की मार
तेज बारिश और कम दृश्यता की वजह से मुंबई एयरपोर्ट पर कई उड़ानों को डायवर्ट या रद्द किया गया. स्पाइसजेट ने यात्रियों को अलर्ट किया कि मौसम की खराबी के कारण सभी डिपार्चर और अराइवल फ्लाइट्स प्रभावित हो सकती हैं. वहीं एयर इंडिया और इंडिगो ने भी यात्रियों से अपील की है कि वे एयरपोर्ट के लिए रवाना होने से पहले अपनी फ्लाइट स्टेटस जरूर चेक करें.
अब तक गोवा से मुंबई आने वाली फ्लाइट AIC604 को इंदौर डायवर्ट किया गया है और अहमदाबाद से मुंबई आने वाली फ्लाइट AIC614 को वापस अहमदाबाद भेजा गया हैं.
सड़कों पर लगा ट्रैफिक का जाम
मुंबई की सड़कों पर जलजमाव ने ट्रैफिक व्यवस्था बिगाड़ दी. ट्रैफिक पुलिस के अनुसार कई इलाके जैसे अंधेरी सबवे, हिंदमाता जंक्शन, वर्ली नाका, जेजे ब्रिज, माटुंगा का किंग सर्कल जैसे प्रमुख इलाकों में गाड़ियों की रफ्तार बेहद धीमी रही.
मानसून ने महाराष्ट्र में दी दस्तक
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रविवार को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने महाराष्ट्र में प्रवेश कर लिया है और अगले तीन दिनों में मुंबई, कोंकण तट और आसपास के क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावना है. मानसून ने इस बार केरल में 23 मई को ही दस्तक दी, जो 2009 के बाद सबसे पहले पहुंचने वाला मानसून है.