जलाशयों में रिकॉर्ड पानी: बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में जबरदस्त जलस्तर, मौसम में होगा बड़ा उलटफेर

दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में हालात इतने अच्छे हैं कि गोवा और मिजोरम के एकमात्र जलाशय पूरी तरह भर चुके हैं, वहीं त्रिपुरा और तमिलनाडु में जल स्तर 95 फीसदी से भी ऊपर पहुंच गया है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 8 Aug, 2025 | 10:30 AM

देशभर में मानसून इस बार न सिर्फ समय पर आया, बल्कि अब तक औसत से 2 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की जा चुकी है. इस अच्छी बारिश का सीधा असर देश के बड़े जलाशयों पर देखने को मिला है. भारत के 161 प्रमुख जलाशयों में से कई लगभग भर चुके हैं, जिससे आने वाले दिनों में खरीफ और रबी दोनों ही फसलों के लिए पर्याप्त पानी की उम्मीद जगी है.

जलाशयों में 70 फीसदी से अधिक भंडारण, दक्षिण भारत में रिकॉर्ड

सेंट्रल वॉटर कमीशन (CWC) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस हफ्ते देश के प्रमुख जलाशयों में 132.398 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) पानी स्टोर हो चुका है, जो कुल क्षमता (182.496 BCM) का लगभग 72.55 फीसदी है. ये आंकड़ा न सिर्फ पिछले साल से बेहतर है, बल्कि पिछले 10 सालों के औसत से भी ज्यादा है.

दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में हालात इतने अच्छे हैं कि गोवा और मिजोरम के एकमात्र जलाशय पूरी तरह भर चुके हैं, वहीं त्रिपुरा और तमिलनाडु में जल स्तर 95 फीसदी से भी ऊपर पहुंच गया है.

उत्तर भारत ने भी पकड़ी रफ्तार

पिछले साल तक जल संकट का सामना कर रहे उत्तर भारत के जलाशयों में इस बार खुशगवार बदलाव देखने को मिला है. इस हफ्ते क्षेत्र के 11 बड़े जलाशयों में 72 फीसदी तक पानी का भंडारण दर्ज किया गया है, जो बीते वर्षों की तुलना में काफी बेहतर है. राजस्थान में जल स्तर लगातार 85 फीसदी पर बना हुआ है, जबकि पंजाब में यह 64 फीसदी और हिमाचल प्रदेश में 68 फीसदी तक पहुंच गया है. ये आंकड़े साफ इशारा करते हैं कि इस बार खेती-किसानी के लिए पानी की कोई किल्लत नहीं होगी, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है.

पूरब और पश्चिम भारत का हाल

पूर्वी भारत में 27 जलाशयों में कुल क्षमता का 55 फीसदी पानी है. पूर्व और पश्चिम भारत के जलाशयों की स्थिति भी इस बार संतोषजनक नजर आ रही है. बिहार में जल स्तर 77 फीसदी तक पहुंच चुका है, जबकि पश्चिम बंगाल में यह 68 फीसदी दर्ज किया गया है. पूर्वोत्तर के राज्यों त्रिपुरा और मिजोरम में जलाशय लगभग पूरी तरह भर चुके हैं, जो वहां की खेती और जल आपूर्ति के लिए बड़ी राहत की बात है. हालांकि, ओडिशा में स्थिति अपेक्षाकृत कमजोर बनी हुई है, जहां जल स्तर अन्य राज्यों की तुलना में कम है.

अगर पश्चिमी भारत की बात करें तो गोवा के जलाशयों के साथ-साथ महाराष्ट्र के बांधों में भी 85 फीसदी से अधिक भंडारण हो चुका है. वहीं, गुजरात में जल स्तर 65 फीसदी के करीब है. इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में मानसून की अच्छी बारिश ने जल भंडारण को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है.

मध्य और दक्षिण भारत में शानदार स्थिति

मध्य भारत के जलाशयों में 72.62 फीसदी भंडारण दर्ज हुआ है.

  • मध्य प्रदेश में 75.8 फीसदी
  • छत्तीसगढ़ में 73 फीसदी
  • उत्तर प्रदेश में लगभग 70 फीसदी
  • उत्तराखंड में थोड़ा कम (57 फीसदी) जलस्तर है
  • दक्षिण भारत में 45 जलाशयों में कुल मिलाकर 77.7 फीसदी पानी स्टोर है.
  • कर्नाटक के जलाशयों में 81 फीसदी
  • केरल में 73 फीसदी
  • आंध्र प्रदेश में 75.49 फीसदी
  • हालांकि तेलंगाना अभी भी पीछे है जहां सिर्फ 52.14 फीसदी जल भराव है

बदल सकता मौसम का मिजाज

फसल के लिए खुशखबरी, लेकिन मौसम का मिजाज बदल सकता है. IMD (भारतीय मौसम विभाग) का कहना है कि अगस्त में सामान्य बारिश और सितंबर में अतिरिक्त बारिश का अनुमान है. ऐसे में खरीफ की फसलों को फायदा होगा और अक्टूबर में शुरू होने वाली रबी फसलों के लिए भी पानी की अच्छी उपलब्धता रहेगी. हालांकि मौसम वैज्ञानिक जेसन निकोल्स ने चेतावनी दी है कि भारतीय महासागर डाइपोल (IOD) नकारात्मक हो चुका है, जिससे दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी में देरी हो सकती है. साथ ही अक्टूबर में आने वाला उत्तर-पूर्व मानसून भी थोड़ा लेट हो सकता है.

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