उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों के हित में बड़ी पहल करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रबी की फसल की तैयारी अभी से शुरू कर दी जाए. कृषि भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने साफ कहा कि बीज, खाद और कृषि यंत्रों की समय से आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही उन्होंने फार्म स्कूल के माध्यम से किसानों को नई कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण देने की बात कही, ताकि पैदावार और आय में इजाफा हो सके.
बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि सभी योजनाएं तय समय-सीमा में लागू हों और उनका सीधा लाभ किसानों को मिले.
खतौनी में भूमि दर्ज होगी तो मिलेगी खाद उन किसानों
शाही ने खाद की आपूर्ति और वितरण की समीक्षा करते हुए कहा कि हर विक्रय केंद्र पर निगरानी मजबूत की जाए. उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से कहा कि खाद केवल उन्हीं किसानों को दी जाए जिनकी खतौनी में भूमि दर्ज हो, ताकि जमाखोरी और कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सके.
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि विभाग की मेहनत से इस साल अब तक पिछले वर्ष की तुलना में 4.84 लाख मीट्रिक टन अधिक खाद की बिक्री हुई है. किसानों को सलाह दी गई कि रासायनिक खाद का सीमित उपयोग करें ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे.
बजट खर्च में तेजी जरूरी, कमजोर अधिकारियों को चेतावनी
कृषि मंत्री ने इस वर्ष के बजट की समीक्षा करते हुए बताया कि अब तक महज 20% बजट खर्च किया गया है, जो असंतोषजनक है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिन योजनाधिकारियों का प्रदर्शन कमजोर रहा है, उन्हें तुरंत सुधार लाने की जरूरत है. सभी अधिकारियों के लिए एक ब्रेन स्टॉर्मिंग वर्कशॉप आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए ताकि योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू किया जा सके.
रबी सीजन की तैयारी और फार्म स्कूल पर विशेष जोर
बैठक में आने वाले रबी सीजन की तैयारी अभी से शुरू करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि गन्ना, मक्का, चना, मटर, अलसी, मसूर और सरसों की सह–
फसली खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए. इसके साथ ही फार्म स्कूल के तहत किसानों को नई तकनीकों का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए. प्रत्येक कार्यशाला में कम से कम 25 किसानों की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी, और उसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की जाएगी.
धान की बुवाई 6741 हजार हेक्टेयर में पूरी
प्रदेश में धान की बुवाई को लेकर मंत्री ने बताया कि अब तक 6741.954 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बुवाई हो चुकी है. यह आंकड़ा दर्शाता है कि प्रदेश में धान की खेती की गति संतोषजनक है.