पंजाब के फाजिल्का में 20 हजार एकड़ खेत जलमग्न, धान और कपास को भारी नुकसान

पंजाब के फाजिल्का जिले में भारी बारिश से 20,000 एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैं. किसानों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए राहत की मांग की है.

नोएडा | Updated On: 6 Aug, 2025 | 12:44 PM

Crop Damage: पिछले चार दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण पंजाब के फाजिल्का जिले में लगभग 20,000 एकड़ में खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं. किसानों का कहना है कि प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही, इसलिए उन्हें अपने स्तर पर हालात संभालने पड़ रहे हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मॉनसून से पहले नालों की सफाई ठीक से नहीं करवाई, जिसकी वजह से पानी की निकासी नहीं हो सकी और हालात और बिगड़ गए.

जिले में सबसे ज्यादा नुकसान फाजिल्का सब-डिवीजन में हुआ है, जहां सरकारी आंकड़ों के मुताबिक धान और कपास की फसलें करीब 11,700 एकड़ में घुटनों तक पानी में डूब गई हैं. जिले के कम से कम 20 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. हालांकि, डिप्टी कमिश्नर अमरप्रीत कौर संधू ने कहा है कि हालात जल्द सामान्य हो जाएंगे, क्योंकि पानी निकालने के लिए मोटर पंप के साथ स्टाफ को तैनात कर दिया गया है. वहीं, ड्रेनेज विभाग के एसडीओ जगदीप सिंह ने कहा कि पानी उतरना शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि ऊंचे इलाकों से बारिश का अतिरिक्त पानी फाजिल्का के निचले हिस्सों में बह आया, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए.

नालों की सफाई नहीं की गई

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों ने कहा कि भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास स्थित साउबाना गांव में ही 500 एकड़ से ज्यादा जमीन पानी में डूब गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि तीन दिन पहले एक पानी के तालाब टूटने की वजह से बाढ़ आई. पंचायत सदस्य किशोर कुमार ने आरोप लगाया कि इलाके में मॉनसून से पहले नालों की सफाई नहीं की गई.

400 से ज्यादा एकड़ में खड़ी धान की फसल खराब

शजराना गांव के एक किसान ने कहा कि बाढ़ की वजह से 400 से ज्यादा एकड़ में खड़ी धान की फसल खराब हो गई. उन्होंने कहा कि खुई खेड़ा नाले के पानी में लगभग 45 एकड़ मछली पालन की फार्म भी बह गए. उन्होंने कहा कि किसानों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है, क्योंकि पानी निकालने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया.  तहलीवाला बोडला गांव के सरपंच सुनील कुमार ने कहा कि तहलीवाला बोडला, सिंहपुरा और चहलान गांवों में लगभग 1,500 एकड़ फसल बर्बाद हुई. किसान सुरिंदर कुमार ने कहा कि कोई उनकी मदद के लिए नहीं आया.

पानी निकासी के लिए तुरंत कार्रवाई की मांग

गुस्साए किसानों ने तहलीवाला बोडला के पास फाजिल्का-मलोट सड़क जाम कर दी और जमा हुए पानी को निकालने के लिए तुरंत कार्रवाई की मांग की.  यहां के बॉर्डर गांवों के सैकड़ों किसानों ने हुसैनिवाला बैराज के गेट तुरंत खोलने की मांग की है ताकि सूतलज नदी का अतिरिक्त पानी पाकिस्तान की तरफ छोड़ा जा सके.

 

Published: 6 Aug, 2025 | 12:38 PM