पहली बार विदेश पहुंची लद्दाख की मशहूर हलमन खुबानी, किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी

करगिल की ठंडी और शुष्क जलवायु में पनपने वाली हलमन खुबानी अपने गहरे स्वाद, उच्च पोषण और लंबी शेल्फ लाइफ के लिए जानी जाती है. समुद्री बकथॉर्न और कुट्टू (बकव्हीट) के साथ यह लद्दाख के सबसे लोकप्रिय बागवानी उत्पादों में से एक है.

नई दिल्ली | Published: 14 Aug, 2025 | 08:01 AM

पहाड़ों की गोद में बसे लद्दाख से उठी खुशबू अब खाड़ी देशों तक पहुंच गई है. करगिल की मशहूर हलमन खुबानी पहली बार सऊदी अरब, कुवैत और कतर के सुपरमार्केट में सजी है. यह केवल एक फल का सफर नहीं, बल्कि लद्दाख के किसानों की वर्षों की मेहनत, उम्मीद और संघर्ष की ऐतिहासिक जीत है, जिसने उनके सपनों को अंतरराष्ट्रीय पंख दे दिए हैं.

किसानों के सपनों को मिली नई उड़ान

मनी कंट्रोल की खबर के अनुसार, करीब 1.5 मीट्रिक टन हलमन खुबानी की खेप वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) पहल के तहत लद्दाख से रवाना हुई. इसे एपीडा (APEDA) के चेयरमैन और लद्दाख इंडस्ट्रीज सचिव रुद्र गौड़ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह पहल खाड़ी देशों के रिटेल दिग्गज लुलु ग्रुप इंटरनेशनल के सहयोग से हुई है. अधिकारियों का मानना है कि यह तो सिर्फ शुरुआत है और आने वाले समय में लद्दाख के और भी उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बनाएंगे.

क्यों खास है करगिल की हलमन खुबानी?

करगिल की ठंडी और शुष्क जलवायु में पनपने वाली हलमन खुबानी अपने गहरे स्वाद, उच्च पोषण और लंबी शेल्फ लाइफ के लिए जानी जाती है. समुद्री बकथॉर्न और कुट्टू (बकव्हीट) के साथ यह लद्दाख के सबसे लोकप्रिय बागवानी उत्पादों में से एक है. दुनियाभर में ऑर्गेनिक और ऊंचाई पर उगने वाले फलों की मांग बढ़ रही है, और लद्दाख की खुबानी इस बाजार के लिए एकदम फिट बैठती है.

ODOP से लेकर वैश्विक पहचान तक

वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना का मकसद हर जिले के खास उत्पाद की पहचान करना, उसकी ब्रांडिंग करना और निर्यात के रास्ते खोलना है. इसके तहत जिले का एक्सपोर्ट एक्शन प्लान तैयार होता है, जिसमें गुणवत्ता सुधार, बाजार तक पहुंच और ढांचागत सुविधाओं पर काम किया जाता है. इस पहल से न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे.

किसानों के लिए ‘गेम-चेंजर

स्थानीय किसानों के लिए यह निर्यात सिर्फ कमाई का जरिया नहीं, बल्कि सम्मान की बात भी है. करगिल के एक किसान ने कहा, “हमने हमेशा सपना देखा था कि हमारी खुबानी विदेशों में बिके. आज यह देखकर गर्व होता है और आगे और मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है.”

अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सूखी खुबानी और लद्दाख के अन्य खास उत्पाद भी निर्यात किए जाएंगे. इससे लद्दाख को वैश्विक बागवानी मानचित्र पर और मजबूत पहचान मिलेगी.

जैसा कि एक अधिकारी ने कहा, “हम सिर्फ एक फल नहीं भेज रहे, हम एक कहानी और विरासत भेज रहे हैं.”

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