14 बच्चों को जन्म देती है यह बकरी, इसके दूध में फौलादी ताकत.. डेंगू के इलाज में आता है काम
जमुनापारी बकरी की खासियत के बारे में बात करें तो यह लंबे कानों वाली होती है. यह रोज लगभग 2 से 2.5 लीटर दूध देती है और इसे सबसे अच्छी नस्ल माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, देश के कई राज्यों में जमुनापारी बकरी का पालन बड़े पैमाने पर होता है.
Goat Farming: अभी भी बिहार सहित कई राज्यों में बकरी पालन के मुकाबले किसान गाय और भैंस पालन में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं. लोगों को बकरी पालन करने में शर्मिंदगी महसूस होती है. लेकिन लोगों को मालूम होना चाहिए बकरी पालन कोई छोटा काम नहीं है. अब यह एक बिजनेस का रूप ले लिया है. यानी बकरी पालन से किसान लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. इसके लिए किसानों को केवल उन्नत नस्ल की बकरियों का चुनाव करना होगा. साथ ही इसकी देखरेख अच्छी तरह से करनी होगी. तो आइए आज जानते हैं बकरी की एक उन्नत नस्ल के बारे में, जिसका पालन शुरू करते ही किसानों की किस्मत बदल सकती है.
एक्सपर्ट के मुताबिक, छोटे और सीमांत किसानों के लिए जमुनापारी बकरी का पालन करना बेस्ट रहेगा. यह बकरी दूध और मांस दोनों के लिए बेहतर है. अगर किसान इसका पालन करते हैं, मांस बेचने के साथ-साथ दूध से भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. ऐसे एक्सपर्ट का भी कहना है कि ‘जमुनापारी’ बकरी दूध उत्पादन के लिए बहुत अच्छी नस्ल है. हालांकि, बिहार में ज्यादातर बकरियों का पालन मांस के लिए किया जाता है. लेकिन अगर आप दूध के व्यवसाय की तरफ ध्यान दें तो इससे कमाई कई गुना बढ़ सकती है.
रोज कितनी देती है दूध
जमुनापारी बकरी की खासियत के बारे में बात करें तो यह लंबे कानों वाली होती है. यह रोज लगभग 2 से 2.5 लीटर दूध देती है और इसे सबसे अच्छी नस्ल माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, देश के कई राज्यों में जमुनापारी बकरी का पालन बड़े पैमाने पर होता है. खासकर यमुना नदी के आसपास के इलाके, जैसे उत्तर प्रदेश का इटावा जिला, इस नस्ल के लिए मशहूर हैं. इसके अलावा ये बकरियां बिहार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी खूब पाली जाती हैं.
साल में देती है इतने बच्चे
जमुनापारी बकरी का दूध कई बीमारियों के इलाज में भी काम आता है. कहा जाता है कि इसका दूध सेवन करने से डेंगू के मरीजों को काफी राहत मिलती है. खास बात यह है कि ऊंची कद-काठी और भारी वजन के कारण मांस के लिए भी इनकी विदेशों में अच्छी डिमांड रहती है. ऐसे जमुनापारी बकरी का वजन सामान्य बकरियों से ज्यादा होता है. यह अपने पूरे जीवन में लगभग 12 से 14 बच्चों को जन्म दे सकती है. इसका दूध स्वादिष्ट और सेहतमंद होता है. इस बकरी के पालन के लिए केंद्रीय अनुसंधान संस्थान में प्रशिक्षण भी दिया जाता है. बाजार में इसकी मांस की काफी मांग रहती है. कीमत की बात करें तो जमुनापारी बकरी की खरीद-बिक्री 15 से 20 हजार रुपए प्रति बकरी तक होती है.