अतिवृष्टि-बाढ़ की आशंका के बीच पशुपालन विभाग ने संभाली कमान, कंट्रोल रूम से होगी लगातार निगरानी

पशुधन की सुरक्षा के लिए राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग ने सभी स्तरों पर कंट्रोल रूम और नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं, ताकि आपदा में शीघ्र मदद मिल सके.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 14 Jun, 2025 | 03:36 PM

दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 के दौरान श्रीगंगानगर सहित प्रदेश के कई जिलों में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, जलभराव और बाढ़ की संभावना जताई गई है. ऐसे में पशुधन की सुरक्षा और उचित प्रबंधन के लिए पशुपालन विभाग ने कमान संभाल ली है. विभाग की ओर से जिला और ब्लॉक स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित कर निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया गया है, जो 15 जून से 24 घंटे सक्रिय रहेंगे.

जिला और ब्लॉक स्तर पर बनाए गए नियंत्रण कक्ष

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. इसका दूरभाष नंबर 0154-2485938 जारी किया गया है. इसके अलावा जिले की अलग-अलग तहसीलों में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित कर उनके प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है.

गंगानगर में डॉ. पंकज सिहाग (मो. 9602842284), पदमपुर में डॉ. अच्छर गोयल (मो. 9414631726), रायसिंहनगर में डॉ. विक्रम भाटी (मो. 8003181269), करणपुर में डॉ. अशोक यादव (मो. 9680398059), श्रीविजयनगर में डॉ. भूप लखेसर (मो. 9660031110), अनूपगढ़ में डॉ. सुनील वर्मा (मो. 9269864964), घड़साना में डॉ. धर्मेन्द्र पूनिया (मो. 9413901605), रावला में डॉ. मनोज मीणा (मो. 8104574362), सूरतगढ़ में डॉ. सुरेन्द्र श्योराण (मो. 9783834035) और सादुलशहर में डॉ. संदीप सैनी (मो. 9001511748) को नियंत्रण कक्ष प्रभारी नियुक्त किया गया है.

निदेशक स्तर से जारी हुए विशेष निर्देश

इसके पहले प्रदेश स्तर पर पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. आनंद सेजरा ने सभी पशु संरक्षण संस्थाओं और विभागीय अधिकारियों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की आशंका को देखते हुए पशुओं के स्वास्थ्य व सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएं. इतना ही नहीं, पशुपालन विभाग को निर्देशित किया गया है कि किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखी जाए.

बाढ़ नियंत्रण कक्ष से होगी 24 घंटे निगरानी

पशुपालन विभाग ने तय किया है कि 15 जून से राज्य और जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष पूरी तरह सक्रिय रहेंगे. इन नियंत्रण कक्षों से पूरे जिले में पशुधन की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाएगी. किसी भी आपात स्थिति में किसानों व पशुपालकों की तुरंत सहायता की जाएगी. विभाग ने जिला और ब्लॉक स्तर पर नोडल अधिकारियों की भी नियुक्ति की है ताकि हर स्तर पर शीघ्र कार्रवाई संभव हो सके.

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