कैसे पहचानें मछली ताजा है या बासी? खरीदने से पहले जान लें ये आसान तरीके

ताजी मछली न सिर्फ स्वाद में बेहतर होती है, बल्कि पोषण से भी भरपूर रहती है. इसमें मौजूद प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और जरूरी मिनरल्स शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. वहीं बासी मछली में बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे फूड पॉइजनिंग, पेट दर्द और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

नई दिल्ली | Published: 20 Dec, 2025 | 11:14 AM

Fish buying guide: समुद्री स्वाद पसंद करने वालों के लिए मछली एक बेहतरीन और सेहतमंद विकल्प मानी जाती है. लेकिन अगर मछली ताजा न हो, तो उसका स्वाद तो बिगड़ता ही है, साथ ही यह सेहत के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है. अक्सर बाजार में मछली खरीदते समय लोगों के मन में यही सवाल रहता है कि आखिर कैसे पहचानें कि मछली ताजा है या बासी. इसी उलझन को दूर करने के लिए हम बता रहे हैं कुछ बेहद आसान और भरोसेमंद तरीके, जिन्हें अपनाकर आप हर बार सही मछली चुन सकते हैं.

ताजी मछली क्यों है जरूरी

ताजी मछली न सिर्फ स्वाद में बेहतर होती है, बल्कि पोषण से भी भरपूर रहती है. इसमें मौजूद प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड और जरूरी मिनरल्स शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. वहीं बासी मछली में बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे फूड पॉइजनिंग, पेट दर्द और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए खरीदारी के समय थोड़ी सावधानी बेहद जरूरी है.

आंखें और चमक बताती हैं सच्चाई

मछली की आंखें उसकी ताजगी का सबसे साफ संकेत होती हैं. ताजी मछली की आंखें साफ, उभरी हुई और चमकदार नजर आती हैं. उनमें किसी तरह की धुंध या सिकुड़न नहीं होती. अगर आंखें धंसी हुई, मटमैली या सूखी लगें, तो समझ जाना चाहिए कि मछली पुरानी है. बाजार में सबसे पहले इसी बात पर ध्यान देना चाहिए.

गलफड़ों का रंग भी देता है संकेत

मछली के गलफड़े यानी गिल्स भी उसकी ताजगी की पहचान कराते हैं. ताजी मछली के गलफड़े गुलाबी या गहरे लाल रंग के होते हैं और उनमें नमी बनी रहती है. जैसे-जैसे मछली बासी होती है, गलफड़ों का रंग भूरा या काला पड़ने लगता है और उन पर चिपचिपापन आ जाता है. अगर गलफड़ों से तेज दुर्गंध आए, तो ऐसी मछली बिल्कुल न खरीदें.

हाथ से दबाकर करें टेस्ट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मछली की ताजगी परखने का सबसे आसान तरीका है उसे हल्के से दबाना. ताजी मछली को दबाने पर उसका मांस तुरंत वापस अपनी जगह आ जाता है और सतह पर कोई निशान नहीं रहता. वहीं बासी मछली का मांस दबाने पर अंदर ही धंसा रह जाता है और देर तक वापस नहीं आता.

गंध और बनावट पर भी रखें नजर

ताजी मछली से कभी भी तेज या सड़ी हुई बदबू नहीं आती. उसमें हल्की-सी समुद्र जैसी खुशबू होती है. अगर मछली से तीखी, खट्टी या अमोनिया जैसी गंध आए, तो यह खराब होने का साफ संकेत है. इसके अलावा ताजी मछली का शरीर सख्त और सीधा रहता है, जबकि बासी मछली ढीली और लचीली महसूस होती है.

झींगा और प्रॉन्स खरीदते समय ध्यान

अगर आप झींगा या प्रॉन्स खरीद रहे हैं, तो उनके खोल की चमक और सख्ती जरूर जांचें. ताजे प्रॉन्स का खोल सख्त, चमकदार और साफ होता है. हेड और बॉडी के जोड़ पर काले धब्बे दिखें, तो समझ लें कि वे ताजे नहीं हैं.

थोड़ी सावधानी, बड़ा फायदा

मछली खरीदते समय इन आसान बातों का ध्यान रखकर आप न सिर्फ बासी मछली से बच सकते हैं, बल्कि अपने परिवार को सुरक्षित और स्वादिष्ट भोजन भी दे सकते हैं. अगली बार बाजार जाएं, तो जल्दबाजी न करें, बल्कि आंख, हाथ और सूंघने की ताकत का सही इस्तेमाल करें. यही समझदारी आपको हर बार ताजी और बेहतरीन मछली दिलाएगी.

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