भारत में पहली बार पशुओं के लिए ब्लड बैंक गाइडलाइंस, अब मवेशियों की जान बचेगी समय पर
नई गाइडलाइंस के आने से अब गाय, भैंस, बकरी, भेड़, घोड़े और पालतू कुत्ते-बिल्लियों जैसे पशुओं को भी आपात स्थिति में सुरक्षित रक्त उपलब्ध कराया जा सकेगा.
भारत सरकार ने पहली बार पशुओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ब्लड बैंक और ब्लड ट्रांसफ्यूजन (रक्त चढ़ाने) की गाइडलाइंस जारी की हैं. अब तक इंसानों की तरह जानवरों में भी खून चढ़ाने की प्रक्रिया तो होती थी, लेकिन उसके लिए कोई तय नियम या मानक मौजूद नहीं थे. ऐसे में कई बार आपात स्थिति में बिना जांच और सुरक्षित तरीकों के खून चढ़ाना पड़ता था, जिससे पशुओं की जान को खतरा रहता था.
नई गाइडलाइंस के आने से अब गाय, भैंस, बकरी, भेड़, घोड़े और पालतू कुत्ते-बिल्लियों जैसे पशुओं को भी आपात स्थिति में सुरक्षित रक्त उपलब्ध कराया जा सकेगा. यह पहल खास तौर पर ग्रामीण इलाकों और किसानों के लिए राहत भरी होगी, क्योंकि पशुधन उनकी आजीविका का अहम हिस्सा है.
क्यों जरूरी थीं ये गाइडलाइंस?
भारत में पशुधन की संख्या 53 करोड़ से भी ज्यादा है और 12 करोड़ से अधिक पालतू जानवर (डॉग्स और कैट्स) हैं. देश की अर्थव्यवस्था में इनका बड़ा योगदान है-पशुधन क्षेत्र कुल जीडीपी का लगभग 5.5 फीसदी और कृषि जीडीपी का 30 फीसदी से अधिक हिस्सा देता है.
लेकिन जब जानवर गंभीर चोट, ऑपरेशन, संक्रमण, ज्यादा खून बहने या एनीमिया जैसी बीमारियों से जूझते थे, तब ब्लड ट्रांसफ्यूजन ही एकमात्र समाधान होता था. अब तक यह प्रक्रिया बिना किसी मानकीकरण के की जाती थी.
नई गाइडलाइंस में क्या खास है?
ब्लड डोनर की जांच – खून देने वाले पशु का स्वास्थ्य, टीकाकरण और उम्र की जांच अनिवार्य होगी.
ब्लड टाइपिंग और क्रॉस-मैचिंग – इंसानों की तरह अब जानवरों में भी ब्लड ग्रुप मिलान किया जाएगा, ताकि गलत खून चढ़ाने से प्रतिक्रिया (Adverse Reaction) न हो.
वॉलंटरी डोनेशन – पशु मालिक की सहमति से ही जानवर से खून लिया जाएगा, जिसके लिए ‘Donor Rights Charter’ बनाया गया है.
स्टेट-रेगुलेटेड ब्लड बैंक – हर राज्य में आधुनिक सुविधाओं से लैस वेटरिनरी ब्लड बैंक बनाए जाएंगे.
वन हेल्थ (One Health) सिद्धांत – यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खून से कोई संक्रमण या बीमारी इंसानों और जानवरों दोनों में न फैले.
डिजिटल नेटवर्क और हेल्पलाइन – देशभर में एक नेटवर्क बनाया जाएगा, जिसमें ब्लड की उपलब्धता की जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मिलेगी और आपातकालीन हेल्पलाइन भी होगी.
नवाचार (Innovation) – भविष्य में मोबाइल ब्लड कलेक्शन वैन, दुर्लभ ब्लड ग्रुप को सुरक्षित रखने की तकनीक और मोबाइल ऐप्स से डोनर-रीसिपिएंट मैचिंग जैसी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी.
किसानों और पालतू पशु मालिकों को बड़ा फायदा
इन गाइडलाइंस से गांवों में पशुपालन करने वाले किसानों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी. पहले कई बार गाय-भैंस की जान सिर्फ इसलिए नहीं बच पाती थी क्योंकि समय पर खून उपलब्ध नहीं होता था. अब ब्लड बैंक और नेटवर्किंग सिस्टम से यह समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी.
इसी तरह शहरी इलाकों में पालतू कुत्ते-बिल्लियों के इलाज में भी यह सुविधा जीवन रक्षक साबित होगी.
कैसे बनीं ये गाइडलाइंस?
यह गाइडलाइंस पशुपालन और डेयरी विभाग ने बनाई हैं. इसमें वेटरिनरी काउंसिल ऑफ इंडिया, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों, राज्य सरकारों और प्रैक्टिस करने वाले वेट्स की सलाह ली गई है. अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर इन्हें तैयार किया गया है और आने वाले समय में नई तकनीक और रिसर्च के आधार पर इसमें बदलाव भी किए जाएंगे.