अच्छी उपज के लिए करें मूली की खेती, इस आसान ट्रिक से हर हफ्ते होगी कमाई

यदि आप पूरे मौसम में लगातार मूली की फसल चाहते हैं, तो हर कुछ हफ्तों में नए बीज बोते रहें. इससे आपको लगातार ताजा मूली मिलती रहेगी और बाजार में बिक्री के लिए भी पर्याप्त मात्रा बनी रहेगी.

नई दिल्ली | Published: 26 Aug, 2025 | 01:28 PM

मूली एक ठंडी मौसम की सब्जी है, जिसे सबसे अच्छे तरीके से अगस्त के मध्य से सितंबर तक लगाया जा सकता है. यह ठंडे मौसम में जल्दी बढ़ती है और इसका स्वाद भी बेहतर होता है. अगर आप इस समय बुवाई करते हैं, तो मूली जल्दी विकसित होती है और अच्छी उपज देती है. ठंडी जलवायु में मूली की जड़ें मजबूत होती हैं और इसके पत्ते और डंठल भी स्वस्थ रहते हैं.

मिट्टी की तैयारी

मूली की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी बहुत महत्वपूर्ण होती है. इसके लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. मिट्टी की जल निकासी अच्छी होनी चाहिए ताकि पानी जमा न हो और जड़ें सड़ने से बचें.

इसके अलावा, मिट्टी को कम से कम 30 सेंटीमीटर गहराई तक खोदना चाहिए और उसमें से सभी पत्थर और अन्य अवरोध हटा देने चाहिए. बुवाई से पहले मिट्टी में गोबर की खाद या कम्पोस्ट मिलाने से मिट्टी उपजाऊ बनती है और मूली को पर्याप्त पोषण मिलता है.

बुवाई का तरीका

मूली के बीज सीधे खेत में बोए जाते हैं. बीजों को बोते समय उनके बीच पर्याप्त दूरी रखनी चाहिए ताकि जड़ें खुलकर फैल सकें. शुरुआती बुवाई पूरी धूप में की जा सकती है, लेकिन अगर धूप बहुत तेज हो जाए तो थोड़ी छाया वाली जगह पर भी बोना फायदेमंद रहता है.

लगातार फसल के लिए रणनीति

यदि आप पूरे मौसम में लगातार मूली की फसल चाहते हैं, तो हर कुछ हफ्तों में नए बीज बोते रहें. इससे आपको लगातार ताजा मूली मिलती रहेगी और बाजार में बिक्री के लिए भी पर्याप्त मात्रा बनी रहेगी. लगातार बुवाई करने से खेत में मूली की उपज लगातार बनी रहती है और किसानों को अधिक लाभ मिलता है.

देखभाल और सिंचाई

मूली की जड़ें जल्दी बढ़ती हैं, इसलिए नियमित रूप से हल्की सिंचाई करना जरूरी है. मिट्टी को हमेशा नम बनाए रखें, लेकिन पानी जमा न होने दें. साथ ही खेत से समय-समय पर खरपतवार हटाते रहें ताकि पौधों को पर्याप्त जगह और पोषण मिल सके. रोग और कीट से बचाव के लिए जैविक या हल्के कीटनाशक उपाय अपनाना चाहिए.

कटाई का समय

मूली की जड़ें बुवाई के 40 से 60 दिनों के भीतर पूरी तरह विकसित हो जाती हैं. जब जड़ें मोटी और ठोस दिखें, तभी मूली की कटाई करनी चाहिए. कटाई के बाद मिट्टी को हल्का झकझोरने से अगली बुवाई के लिए खेत तैयार हो जाता है.

अतिरिक्त जानकारी

बीज की गुणवत्ता पर ध्यान दें. हमेशा ताजे और प्रमाणित बीज का प्रयोग करें, जिससे उपज अच्छी मिले. मिट्टी में हल्की मात्रा में फॉस्फोरस और पोटाश मिलाने से मूली की जड़ें मजबूत होती हैं और फल जल्दी बढ़ते हैं. अगर आप बड़े खेत में मूली लगाते हैं, तो फसल की देखभाल और कटाई आसानी से की जा सकती है.

मूली की खेती आसान है और अगर सही समय, उपयुक्त मिट्टी और नियमित देखभाल की जाए, तो यह किसानों के लिए लाभकारी साबित होती है. सही तरीके से की गई बुवाई से अच्छी उपज के साथ जल्दी बाजार उपलब्धता भी सुनिश्चित होती है.

Topics: