झारखंड में ‘मोंथा’ चक्रवात से 50 फीसदी तक फसलें नष्ट, 13 लाख किसानों को मिलेगा मुआवजा
झारखंड के किसानों के लिए इस बार की खरीफ सीजन एक बुरे सपने जैसा साबित हो रही है. खेतों में पक चुकी धान, दलहन और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गईं. जहां कभी हरी-भरी फसलें लहराती थीं, वहां अब गिरे हुए पौधों और पानी से भरे खेतों का मंजर दिखाई दे रहा है.
Cyclone Montha: झारखंड के किसानों के लिए इस बार की खरीफ सीजन एक बुरे सपने जैसा साबित हो रही है. चक्रवात ‘मोंथा’ की वजह से आई तेज हवाओं और लगातार बारिश ने राज्यभर में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. खेतों में पक चुकी धान, दलहन और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गईं. जहां कभी हरी-भरी फसलें लहराती थीं, वहां अब गिरे हुए पौधों और पानी से भरे खेतों का मंजर दिखाई दे रहा है. किसानों के लिए यह केवल फसल का नुकसान नहीं, बल्कि सालभर की मेहनत और उम्मीदों पर गहरी चोट है.
कृषि मंत्री ने लिया स्थिति का जायजा
राज्य की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने हालात का जायजा लेने के लिए देवघर जिले के सरवां प्रखंड के कई गांवों का दौरा किया. उन्होंने खेतों में जाकर किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है और हर प्रभावित किसान को मुआवजा देने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी किसान को संकट में नहीं छोड़ा जाएगा.
धान और सब्जियों की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित
कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड के कई जिलों में फसलों का 40 से 50 फीसदी हिस्सा नष्ट हो गया है. खासकर गढ़वा, पलामू, रांची, दुमका, पाकुड़ और हजारीबाग जिलों में नुकसान सबसे ज्यादा है. खेतों में धान की बालियां गिर गई हैं, जिससे कटाई असंभव हो गई है. वहीं सब्जियों की फसलें गलने लगी हैं. मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक हल्की बारिश जारी रह सकती है, जिससे नुकसान और बढ़ सकता है.
13 लाख किसानों को मिलेगा मुआवजा
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, राज्य सरकार ने राहत के लिए बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (B-PMFBY) के तहत 13 लाख किसानों को मुआवजा देने की घोषणा की है. कृषि मंत्री ने बताया कि पंजीकृत किसानों को बीमा के तहत नुकसान की भरपाई की जाएगी. वहीं जो किसान इस योजना में पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें भी आवेदन के बाद राहत राशि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों को चाहिए कि वे फसल नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर अपने अंचल कार्यालय में दें, ताकि बीमा दावा समय पर निपटाया जा सके.
पूर्व मंत्री ने की त्वरित सहायता की मांग
पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भी सोशल मीडिया पर सरकार से अपील की है कि प्रभावित किसानों को जल्द राहत दी जाए. उन्होंने कहा कि फसलों में रहस्यमय बीमारी और चक्रवात के दोहरे हमले ने किसानों को मुश्किल में डाल दिया है. ऐसे समय में सरकार का त्वरित हस्तक्षेप जरूरी है.
सरकार का आश्वासन- किसान अकेले नहीं रहेंगे
राज्य सरकार ने दोहराया है कि हर प्रभावित किसान को सहायता दी जाएगी. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि किसानों को जल्द राहत मिले ताकि वे अगली फसल के लिए तैयार हो सकें. उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास रहेगा कि किसी किसान को निराश न होना पड़े. यह आपदा बड़ी है, लेकिन हम सब मिलकर इससे उबरेंगे.”