Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के किसान मटर की खेती (Pea Farming) की तैयारियों में जुटे हुए हैं. इस बीच इन तैयारियों को देखते हुए किसानों को अच्छी क्वालिटी के बीज उपलब्ध हों, ये सुनिश्चित करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों ने बीज और खेती से जुड़े अन्य सामान की बिक्री करने वाली दुकानों का निरीक्षण किया. इस दौरान अधिकारियों ने इस बात की जांच की, कि किसानों को सही समय पर और पर्याप्त मात्रा में बीज और अन्य सामान मुहैया कराए जा रहे हैं या नहीं और उन्हें खरीद करने पर बिल दिया जा रहा है या नहीं. निरीक्षण के दौरान बिना लाइसेंस वाली दुकानों को नोटिस भी जारी किया है.
क्यों किया गया निरीक्षण
मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में शहपुरा विकासखंड के गांव सहजपुर पहुंचकर कृषि विभाग के अधिकारियों ने बीज बेचने वाली दुकानों का निरीक्षण किया. विभाग द्वारा किए गए इस निरीक्षण का उद्देश्य ये जांचना था कि इन दुकानों पर मानक के अनुसार बीज और खेती-किसानी का अन्य सामान उपलब्ध है या नहीं. साथ ही किसानों को सामान की खरीद पर बिल दिए जा रहे हैं या नहीं. साथ ही जांच में ये भी सुनिश्त किया गया कि किसानों को समय पर और उनकी जरूरत के अनुसार उन्नत क्वालिटी के बीज (Best Quality Seeds) उपलब्ध कराए जा रहे हैं या नहीं.
लाइसेंस न होने पर दिया गया नोटिस
इसके साथ ही अधिकारियों ने ये भी जांच की, कि बीज और अन्य कृषि सामान विक्रेताओं के पास वैध लाइसेंस है या नहीं. बता दें कि, जांच के दौरान पाया गया कि आशीष एग्रो, राज एग्रो सीड्स, संस्कार कृषि केंद्र के पास लाइसेंस न होने और बिल बुक और स्टॉक रजिस्टर न मेंटेन रखने के कारण नोटिस जारी किया है. जिसका जवाब 3 दिन के अंदर मांगा गया है और समय पर जवाब न देने की स्थिति में सख्त कार्रवाई की बात कही गई है.

दुकानों का निरीक्षण करती हुईं कृषि अधिकारी डॉ. इंदिरा त्रिपाठी (Photo Credit- MP Krishi Vibhag)
किसानों से खास अपील
मध्य प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार, कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों से प्रमाणित और सरकारी मानक पूरे करने वाली दुकानों से ही सामान खरीदने की अपील की है. उन्होंने किसानों से कहा कि वे सामान खरीदने के बाद दुकान से पक्का बिल जरूर लें. साथ ही विभाग की टीम ने किसानों से कहा कि अगर उनके आसपास खाद-बीज की कोई भी दुकान बिना लाइसेंस के चलाई जा रही हो तो तुरंत कृषि अधिकारियों को इसकी जानकारी दें और ताकि ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके. बता दें कि, ये निरीक्षण कृषि अधिकारी पाटन डॉ इंदिरा त्रिपाठी के नेतृत्व में किया गया था.