सितंबर में अचानक से बढ़ी गर्मी के चलते मछली पालन करने वालों की चुनौती बढ़ गई है. तापमान बढ़ने से पानी की गुणवत्ता गिर जाती है, ऑक्सीजन कम हो जाती है और मछलियों का स्वास्थ्य भी बिगड़ने लगता है. ऐसे में मछली पालन से अच्छा मुनाफा कमाना मुश्किल हो सकता है. लेकिन अगर आप थोड़ी सावधानी बरतें और कुछ जरूरी टिप्स अपनाएं, तो गर्मियों में भी मछलियों का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. आइए जानते हैं वो 10 आसान उपाय, जो आपके मछली पालन को और बेहतर बना सकते हैं.
पानी की क्वालिटी का ध्यान रखें
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गर्मियों में सबसे बड़ा असर पानी की गुणवत्ता पर पड़ता है. जब तापमान बढ़ता है, तो पानी का pH स्तर बदलने लगता है और ऑक्सीजन की मात्रा भी घट जाती है. इससे मछलियों को सांस लेने में दिक्कत होती है और उनका विकास धीमा हो जाता है. अगर आप मछली पालन करते हैं, तो पानी का pH स्तर 6.5 से 8.5 के बीच रखना जरूरी है. साथ ही, समय-समय पर पानी की जांच करना और तालाब या टैंक में पर्याप्त ऑक्सीजन बनाए रखना जरूरी है. इसके लिए आप एरेटर (aerator) या ऑक्सीजन पंप का इस्तेमाल कर सकते हैं.
पानी के तापमान मेनटेन जरूर रखें
गर्मियों में कई बार तालाब या टैंक का पानी 30 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म हो जाता है. यह मछलियों के लिए खतरनाक है, क्योंकि उनकी वृद्धि के लिए आदर्श तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस होता है. आप चाहें तो तालाब के किनारों पर पेड़-पौधे लगा सकते हैं, जिससे छाया बनी रहे. इसके अलावा, अगर बजट है तो आप आर्गेनिक या सिंथेटिक वाटर कूलिंग सिस्टम का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे पानी का तापमान नियंत्रित रहेगा और मछलियां स्वस्थ रहेंगी.
सही मछली की प्रजाति का चयन करें
हर मौसम में हर मछली की प्रजाति नहीं पाली जा सकती. गर्मियों में ताजे पानी की मछलियां जैसे निलोटिका (Tilapia), रोहू और कतला ज्यादा अच्छी तरह से पनपती हैं. अगर आप सही प्रजाति का चयन करेंगे तो मछलियों का विकास तेज होगा और उत्पादन भी ज्यादा मिलेगा. इसलिए तालाब या जलाशय की स्थिति के हिसाब से ही मछली चुनें.
पर्याप्त और पौष्टिक भोजन दें
गर्मियों में मछलियां ज्यादा सक्रिय रहती हैं और उन्हें अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है. अगर आप उन्हें संतुलित और पौष्टिक आहार देंगे तो वे तेजी से बढ़ेंगी. भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए. ध्यान रखें कि ज्यादा या कम भोजन देना दोनों ही नुकसानदायक हो सकता है. बेहतर होगा कि दिन में दो से तीन बार मछलियों को संतुलित मात्रा में खाना दिया जाए.
पानी की नियमित अदला-बदली करें
गर्मियों में पानी जल्दी खराब होता है और प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है. अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो मछलियों के बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
इसलिए हर 7 से 10 दिन में तालाब या टैंक का कुछ हिस्सा बदलें और ताजा पानी डालें. इससे पानी की गुणवत्ता बनी रहेगी और मछलियों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.
बायोफिल्टर और छायादार जगहों का इस्तेमाल करें
पानी को साफ रखने और कार्बनिक अपशिष्ट (organic waste) को खत्म करने के लिए बायोफिल्टर का उपयोग करना बहुत फायदेमंद है. इससे पानी में ऑक्सीजन बनी रहती है और मछलियां आराम से सांस ले पाती हैं. साथ ही, तालाब में छायादार जगहें बनाना भी जरूरी है. इसके लिए आप नेट, पत्तों या बांस की छतरी जैसी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे मछलियों को सीधी धूप से राहत मिलेगी.
बीमारियों और कीटों से बचाव करें
गर्मियों में मछलियों में बीमारियां और संक्रमण तेजी से फैलते हैं. पानी में मच्छर, बैक्टीरिया और अन्य कीटों की संख्या बढ़ जाती है. ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है.
आपको समय-समय पर तालाब की सफाई करनी चाहिए और एंटी-बैक्टीरियल दवाओं का उपयोग करना चाहिए. साथ ही, कीटनाशक दवाओं का सीमित और सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करें.
पानी के आवागमन को बढ़ाएं
तालाब में पानी का आवागमन अच्छा होना चाहिए. अगर पानी स्थिर रहेगा तो उसमें ऑक्सीजन की कमी हो सकती है और मछलियां बीमार पड़ सकती हैं. इसलिए तालाब में लगातार पानी का आवागमन बनाए रखें. अगर संभव हो तो पानी का हल्का बहाव तैयार करें, ताकि उसमें हमेशा ताजगी बनी रहे.
मछलियों की लगातार निगरानी करें
गर्मियों में मछलियों के स्वास्थ्य और विकास पर नजर रखना बहुत जरूरी है. रोजाना देखें कि मछलियां सामान्य तरीके से खा-पी रही हैं या नहीं. अगर कोई मछली पानी की सतह पर बार-बार तैरने लगे या कमजोर दिखे तो तुरंत जांच करें. समय पर इलाज करने से बड़ी हानि से बचा जा सकता है.
साफ-सुथरा वातावरण बनाए रखें
तालाब या टैंक के आस-पास का वातावरण भी साफ-सुथरा होना चाहिए. गंदगी और कचरा जमा होने से पानी जल्दी खराब हो जाता है और मछलियों में बीमारियां फैल सकती हैं. इसलिए तालाब की नियमित सफाई करें और आसपास के इलाके को साफ रखें.