खाद की भारी किल्लत, घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिल रहा यूरिया.. किसानों ने किया प्रदर्शन

ओडिशा के गंजाम और गजपति जिलों में यूरिया की भारी कमी से किसानों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है. खाद की ब्लैक मार्केटिंग के आरोपों के बीच किसानों ने विरोध प्रदर्शन किए. प्रशासन ने निगरानी बढ़ाने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 20 Sep, 2025 | 06:36 PM
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Odisha News: ओडिशा के गंजाम और गजपति जिलों में यूरिया की भारी कमी ने किसानों के बीच हड़कंप मचा दिया है. किसानों को रातभर सहकारी समितियों के बाहर लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ रहा है, लेकिन फिर भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. राज्य सरकार ने खाद की पर्याप्त आपूर्ति का भरोसा दिलाया है, लेकिन किसानों का आरोप है कि समितियों के कर्मचारी और ब्लैक मार्केट के दलाल आपस में मिले हुए हैं. मंगलवार को गजपति जिले के कासीनगर ब्लॉक में सैकड़ों किसान खाद लेने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा. इसके बाद बुधवार को किसानों ने सहकारी समितियों के पास प्रदर्शन किया और खड़ी धान की फसल बचाने के लिए तुरंत खाद उपलब्ध कराने की मांग की. पुलिस के साथ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसानों को जल्द खाद मिलने का भरोसा दिया.

सहकारी समिति के सचिव एम. गिरिबाबू ने कहा कि कुल 1,870 बैग यूरिया और 200 बैग डीएपी मिले हैं. अब तक 209 किसानों को 90 किलो यूरिया और जिनके पास वैध आईडी थी उन्हें 45 किलो यूरिया दिया गया है. फिलहाल 450 बैग यूरिया स्टॉक  में है और जल्द और सप्लाई आने की उम्मीद है. हालांकि किसानों ने सवाल उठाया कि 5 एकड़ जमीन वाले किसान को सिर्फ 45 किलो यूरिया से कैसे काम चलेगा? गंजाम जिले में हालात और भी गंभीर हैं. कम बारिश और सिंचाई की दिक्कतों  के बावजूद 98 फीसदी खेतों में धान की रोपाई पूरी हो चुकी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जिले के 1,86,630 हेक्टेयर कृषि भूमि में से 1,83,865 हेक्टेयर में धान की खेती की गई है.

खाद की हो रही कालाबाजारी

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद की कालाबाजारी  और महंगे दामों में खुले बाजार में बिक्री के कारण गंजाम जिले के अस्का, छतरपुर, पातरापुर, दिगपहांडी, कबीसुर्यानगर, शेरगड़ा, चिकीटी जैसे इलाकों में सैकड़ों किसान सहकारी समितियों के बाहर लंबी कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं. हालांकि प्रशासन ने किसानों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि खाद की किल्लत जानबूझकर अफवाह के जरिए फैलाई जा रही है. गंजाम के कलेक्टर वी. कीर्ति वासन ने कहा कि डिप्टी रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (DRCS) को निर्देश दिया गया है कि खाद वितरण में पारदर्शिता बनी रहे और इस पर सख्त निगरानी रखी जाए. उन्होंने कहा कि सरकारी टीमें ब्लैक मार्केटिंग रोकने के लिए एक्टिव हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

गंजाम में कुल 5,20,708 किसान हैं

जिले के मुख्य कृषि अधिकारी अजय कुमार कर ने जानकारी दी कि गंजाम में कुल 5,20,708 किसान हैं और उन्हें 62,500 मीट्रिक टन खाद की जरूरत है. अभी तक 55,000 मीट्रिक टन खाद आ चुका है और बाकी जल्द पहुंचने वाला है. उन्होंने कहा कि खाद वितरण  के लिए 353 सहकारी समितियां, 322 पैक्स और 452 डीलरों की मदद ली जा रही है. जल्द ही खाद की आपूर्ति सामान्य हो जाएगी, इसलिए किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.

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Published: 20 Sep, 2025 | 06:30 PM

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