Odisha News: ओडिशा में यूरिया की भारी किल्लत है. किसानों को समय पर उर्वरक नहीं मिल रहा है. एक बोरी खाद के लिए लोगों को घंटों लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है. इसके बावजूद किसान खाली हाथ घर लौट रहे हैं. कहा जा रहा है कि खाद की कालाबाजारी के चलते ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. ऐसे में सरकार भी अब एक्शन में आ गई है. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अधिकारियों को सख्ती से कालाबाजारी पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा है कि सभी जिलों में खाद की सुचारु आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. सरकार अब तक कालाबाजारी से जुड़े 58 मामलों में कार्रवाई कर चुकी है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद आपूर्ति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा कि वे प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) और लार्ज एरिया मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसाइटीज (LAMPCS) को होने वाले खाद आवंटन पर करीबी से निगरानी रखें. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जांच के दौरान जब्त की गई खाद को रोककर न रखा जाए, बल्कि उसे नजदीकी PACS या LAMPCS को तुरंत भेजकर किसानों तक पहुंचाया जाए.
निगरानी टीमें नियमित जांच करें
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि कालाबाजारी या नकली खाद की किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने निर्देश दिए कि जिले और ब्लॉक स्तर पर निगरानी टीमें नियमित जांच करें. उपमुख्यमंत्री कणक वर्धन सिंह देव, जो कृषि विभाग भी संभालते हैं, ने साफ किया कि खाद की सप्लाई में कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बार अच्छी बारिश होने से खरीफ सीजन में मांग बढ़ गई है और अगले 10 दिनों तक यह मांग ज्यादा बनी रहेगी.
55 लाख मीट्रिक टन खाद आवंटित
सरकार अब तक कालाबाजारी से जुड़े 58 मामलों में कार्रवाई कर चुकी है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने 30 सितंबर तक ओडिशा के लिए 9.55 लाख मीट्रिक टन खाद आवंटित की है, जो राज्य की जरूरत के अनुसार पर्याप्त है. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कृषि विभाग को निर्देश दिया कि हर जिले की जरूरत और स्टॉक की स्थिति के हिसाब से समय पर अलग-अलग ग्रेड की खाद उपलब्ध कराई जाए. मार्कफेड (MARKFED) के अधिकारियों से कहा गया कि खाद वितरण की प्रक्रिया में तेजी लाएं.
तिलहन और दलहन की खेती को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में फसल विविधिकरण (crop diversification) और एकीकृत कृषि प्रणाली (integrated farming system) को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई. ‘समृद्ध कृषक योजना’ के तहत सरकार तिलहन और दलहन की खेती को प्रोत्साहित कर रही है और किसानों को जरूरी संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला कलेक्टरों से बातचीत की और जमीनी स्तर पर खाद वितरण की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसानों की सुविधा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं.