उत्तर प्रदेश के किसानों को अब खाद लेने के लिए कतार में घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने उर्वरक वितरण का बड़ा हिस्सा अब प्राइवेट एजेंसियों के जरिए करने का फैसला किया है, क्योंकि इसे किसानों के लिए ज्यादा सुविधाजनक माना जा रहा है. ऐसे में यह फैसला मौजूदा वक्त में किसनों के लिए खाफी अहम हो गया है, क्योंकि प्रदेश के कई जिलों में उर्वरक की गंभीर कमी की खबरें आ रही हैं.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक उर्वरक वितरण समान रूप से सहकारी समितियों और प्राइवेट सेक्टर के बीच बांटा जाता था, लेकिन अब सरकार ने तय किया है कि 65 फीसदी उर्वरक प्राइवेट एजेंसियों के जरिए बांटा जाएगा, जबकि सहकारी समितियों में सिर्फ 35 फीसदी स्टॉक रखा जाएगा. पिछले साल सरकार ने 30 फीसदी उर्वरक प्राइवेट से सहकारी समितियों को देने का फैसला किया था. उस समय सहकारी समितियों को प्राथमिकता देकर सरकार ने ग्रामीण इलाकों तक समान और सही वितरण सुनिश्चित करने और जमाखोरी व सप्लाई में रुकावट रोकने की कोशिश की थी.
ऐसे होगा खाद का वितरण
सहकारी समितियों को उर्वरक IFFCO और KRIBHCO जैसी कंपनियां सप्लाई करती हैं. कृषि विभाग के प्रधान सचिव रविंदर ने कहा कि प्राइवेट एजेंसियां किसानों तक उर्वरक पहुंचाने में बेहतर सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि इससे उर्वरक वितरण से जुड़ी किसी भी समस्या को कम किया जा सकेगा. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार उर्वरक के गैर-कानूनी रास्तों से जैसे नेपाल तक जाने पर भी कड़ी नजर रख रही है. खासकर सीमा जिलों जैसे बलरामपुर और देवरिया में इस तरह की कार्रवाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
42.64 लाख मीट्रिक टन उर्वरक बेचा गया
कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इस साल के चल रहे खरीफ सीजन में 42.64 लाख मीट्रिक टन उर्वरक बेचा गया है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 6 लाख मीट्रिक टन ज्यादा है. जबकि, 2024 में 36.76 लाख मीट्रिक टन उर्वरक बिका था. फिर भी, सहकारी समितियों द्वारा उर्वरक वितरण में गड़बड़ी की शिकायतें सरकार के सामने आई हैं. विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि हम इस पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और इस संकट को हल करने के लिए निर्देश जारी कर रहे हैं.
सिस्टम में भी हैं कुछ तकनीकी समस्याएं
उन्होंने कहा कि वितरण में PoS (पॉइंट ऑफ सेल) सिस्टम में भी कुछ तकनीकी समस्याएं मिली हैं, जिन्हें जल्द ठीक किया जाएगा. कृषि विभाग का दावा है कि हर जिले में 7-10 दिनों का यूरिया स्टॉक उपलब्ध है, लेकिन जमीन पर स्थिति अलग है. किसानों को उर्वरक लेने के लिए लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है और कई जगह प्रदर्शन भी हुए हैं. अयोध्या समेत कुछ जिलों में उर्वरक को लेकर अफरा-तफरी की खबरें भी आई हैं, जिस पर पुलिस ने सख्ती से नियंत्रण किया. विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल लगभग 16 लाख मीट्रिक टन उर्वरक स्टॉक में है, जिसमें से करीब 6 लाख मीट्रिक टन यूरिया शामिल है.