धान की खेती में खरपतवार की समस्या किसानों के हमेशा से ही मुसीबत बनती रही है. इसकी वजह से लागत अधिक आती है और उत्पादन भी कम होता है. इसकी रोकथाम के लिए इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड (IIL) ने अलटेयर नाम की नई दवा लॉन्च की है. भारत में फसल सुरक्षा और पोषण के क्षेत्र में काम करने वाली BSE और NSE लिस्टेड कंपनी IIL ने इसे जापान की निसान केमिकल कॉर्पोरेशन ने तैयार किया है और भारत में इसे केवल IIL ही बिक्री करेगी. IIL और निसान केमिकल कॉर्पोरेशन के बीच यह साझेदारी 2013 से चल रही है, जिससे जापानी तकनीक अब भारत के खेतों तक पहुंच रही है. यह दवा धान की फसल के लिए एक खास प्री-इमर्जेंट खरपतवार नाशक यानी घास मारने का काम करेगी.
अलटेयर खासकर छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के लिए बहुत उपयोगी रहेगा. कंपनी ने बयान में कहा कि लॉन्च से पहले हमें इस दवा को लेकर बहुत अच्छा फीडबैक मिला है. अलटेयर निसान केमिकल कॉर्पोरेशन की एक खास (पेटेंटेड) खोज है. यह धान की खेती में खरपतवार से लड़ने की तकनीक में बड़ा बदलाव लाया है. इसे तैयार करने में आठ साल की मेहनत और रिसर्च लगी है. यह दवा खास तौर पर भारतीय धान किसानों की जिद्दी घास की समस्या को ध्यान में रखकर बनाई गई है और यह प्री-इमर्जेंट दवाओं में एक नया स्टैंडर्ड तय करती है.
कैसे इस्तेमाल करें किसान
पारंपरिक दवाओं से अलग अलटेयर मिट्टी में पहले दिन से ही एक सुरक्षा परत बना देता है. इसे धान की रोपाई के 0 से 3 दिन के भीतर डालना चाहिए. इतनी जल्दी इस्तेमाल करने से यह दवा 40 से 50 दिनों तक खरपतवार को उगने से रोकती है, जिससे फसल की शुरुआती और ज़रूरी बढ़त के समय अच्छी सुरक्षा मिलती है. अलटेयर कई तरह की घासों के लिए असरदार है, खासकर उन पर जो सबसे ज्यादा नुकसान करती हैं और जिन्हें रोकना मुश्किल होता है, जैसे: एकिनोक्लोआ क्रस-गैली, अमैनिया, साइपेरस प्रजातियां और कई दूसरी जिद्दी घासें आदि.
धान किसानों के लिए गेमचेंजर बनने का दावा
इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि हमें खुशी है कि अलटेयर धान की फसल के लिए एक खास दवा है, जो शुरुआत में ही ज्यादातर खरपतवार यानी घास को उगने से रोक देती है. उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि अलटेयर धान की खेती करने वाले किसानों के लिए फायदेमंद होगा. अलटेयर का इस्तेमाल करना आसान है और इसका असर लंबे समय तक बना रहता है. यह दवा भारत के धान किसानों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी.
10 हजार किसानों ने इस्तेमाल कर फीडबैक दिया
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है भारतीय धान के किसान कई मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, जैसे हाथ से घास निकालना, कम पैदावार, देर से दवा का इस्तेमाल और बार-बार खरपतवार नाशक डालना आदि. ऐसे में एक नई, असरदार और सुरक्षित दवा की जरूरत थी. पिछले एक साल में 500 से ज्यादा बड़े खेतों में इस दवा को डाला गया, जिसमें 10,000 से भी ज्यादा किसानों ने इसके असर को देखा है. किसानों ने माना कि यह दवा उनकी पुरानी दवाओं से ज्यादा असरदार है.