ATMA Yojana: किसानों को मिलेगा आधुनिक तकनीकों का साथ, खेती होगी स्मार्ट और टिकाऊ

केंद्र सरकार द्वारा ATMA योजना की शुरुआत साल 2005 में की गई थी. जो कि आज देशभर में सुचारू रूप से चलाई जा रही है. इस योजना की मदद से राज्य सरकारें लगातार अपने प्रदेश के किसानों को आधुनिक खेती के लिए बढ़ावा देती है, ताकि किसान आर्थिक रूप से मजबूत और सशक्त हो सकें.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 21 Sep, 2025 | 07:20 PM

ATMA Yojana: किसानों को आधुनिक खेती से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार कोशिशें करती रहती हैं. उनकी यही कोशिश होती है कि किसान किसी भी तरह खेती से अच्छी पैदावार ले ताकि बाजार में उन्हें उनकी उपज के सही दाम मिल सकें. बता दें कि , सरकार की तरफ से किसानों के लिए चलाई गई इस योजना की मदद से किसानों के विकास के साथ ही देश के कृषि क्षेत्र का भी विस्तार होता है. ये योजना किसानों को खेती से जुड़ी आधुनिक तकनीकों और नई कृषि विधियों से जोड़ती है.

योजना का मुख्य उद्देश्य

ATMA यानी Agricultural Technology Management Agency जिसे हिंदी में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण कहते हैं. केंद्र सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों के लिए खेती को आसान बनाने के लिए आधुनिक कृषि तकनीक उपलब्ध कराना है. साथ ही किसानों को आधुनिक खेती की ट्रेनिंग देकर उनके उत्पादन में बढ़ोतरी करना और व्यक्तिगत रूप से किसान और सभी तरह के किसान समूहों और संगठनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. बता दें कि, केंद्र सरकार की इस योजना की मदद से किसानों की खेती ज्यादा मुनाफा देने वाली और टिकाऊ बनती है.

किसानों के कैसे होता है फायदा

उत्तराखंड सरकार की ओर से सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, ATMA योजना की मदद से किसानों को दी जाने वाली विशेष ट्रेनिंग का इस्तेमाल जब वे अपने खेतों में करते हैं तो उनके फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है. इसके अलावा आज भी देश के बहुत से किसान ऐसे हैं तो पारंपरिक तरह से ही खेती करते हैं. ऐसे किसानों को नई तकनीक और आधुनिक कृषि उपकरणों (Agri High-tech Machines) की जानकारी दी जाती है. क्योंकि, किसानों को इस योजना के तहत खेती-किसानी से जुड़ी सारी जानकारी दी जाती है, लिहाजा किसान का जुड़ाव सीधा बाजार से हो जाता है और उनकी आमदनी में भी अच्छा सुधार होता है.

कैसे काम करती है ये योजना

ATMA योजना के तहत जिल स्तर पर आयोजित होने वाली कार्यशालाओं और ट्रेनिंग प्रोग्राम में एक ATMA सोसाइटी बनाई जाती है, जिसमें कृषि, पशुपालन, उद्यान, मत्स्य, सहकारिता आदि विभागों के अधिकारी शामिल होते हैं. इनके साथ-साथ इस सोसाइटी में कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), NGOs, निजी क्षेत्र और प्रगतिशील किसान भी जोड़े जाते हैं. बता दें कि, ये सभी मिलकर किसानों को उन्नत बीज, जैविक खेती, सिंचाई तकनीक, मशीनरी, रोग प्रबंधन आदि पर ट्रेनिंग दी जाती है. इसके साथ ही किसानों को आर्थिक मदद भी दी जाती है.

Published: 21 Sep, 2025 | 07:20 PM

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