धान (चावल) हमारे देश की सबसे जरूरी फसल है. इसकी अच्छी पैदावार के लिए कीड़ों से बचाव बहुत जरूरी होता है. खेतों में कई तरह के कीट लगते हैं जो पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं. इन कीड़ों को मारने के लिए किसान कीटनाशक (pesticide) का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन बहुत से किसान कभी-कभी पुराने यानी एक्सपायरी हो चुके कीटनाशक का भी उपयोग कर लेते हैं, जो सही नहीं है. तो आइए जानते हैं क्यों नहीं करना चाहिए एक्सपायरी कीटनाशकों का इस्तेमाल.
एक्सपायरी कीटनाशक क्या होता है?
हर दवाई और कीटनाशक की एक खत्म होने की तारीख (expiry date) होती है. उसके बाद उसका असर कम हो जाता है. अगर आप पुराने कीटनाशक का इस्तेमाल करेंगे, तो वह कीड़ों को मार नहीं पाएगा और फसल को नुकसान हो सकता है.
एक्सपायरी डेट वाले कीटनाशकों के असर-
फसल पर असर: एक्सपायरी डेट वाले कीटनाशक सही तरीके से कीटों को नियंत्रित नहीं कर पाते, जिससे फसल को नुकसान हो सकता है और उपज घट सकती है.
पर्यावरण को नुकसान: एक्सपायरी डेट के बाद के कीटनाशक खराब हो सकते हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जैसे पानी के स्रोतों, कीड़ों और अन्य जीवों को खतरा हो सकता है.
कीटों में प्रतिरोध: पुराने कीटनाशकों का बार-बार इस्तेमाल करने से कीटों में प्रतिरोध पैदा हो सकता है, जिससे भविष्य में उनका नियंत्रण और मुश्किल हो जाता है.
कानूनी खतरे: कई देशों में समाप्ति तिथि वाले कीटनाशकों का इस्तेमाल अवैध होता है, और इसके लिए जुर्माना भी हो सकता है.
पैडी में कीटनाशक के सही उपयोग के तरीके-
ताजे कीटनाशक खरीदें: हमेशा कीटनाशकों को उनकी एक्सपायरी डेट से पहले खरीदें और सुनिश्चित करें कि यह अच्छे स्रोत से आए हों.
सही जगह रखें: कीटनाशकों को सही जगह पर रखें, जैसे कि उन्हें धूप, नमी और गर्मी से बचाकर रखा जाए.
नियमित जांच करें: अपनी कीटनाशक की इन्वेंट्री की नियमित रूप से जांच करें और एक्सपायरी डेट वाले उत्पादों को हटाएं.
सुरक्षित निपटान करें: एक्सपायरी डेट वाले कीटनाशकों को सुरक्षित तरीके से नष्ट करें, ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान न हो.
अपनाएं IPM तरीका
कीटनाशकों पर कम निर्भर रहने के लिए और टिकाऊ तरीके से कीटों का नियंत्रण करने के लिए इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (IPM) का तरीका अपनाना चाहिए. इसमें फसल चक्रण, कीट प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग, जैविक नियंत्रण, और कीटनाशकों का सीमित इस्तेमाल शामिल होता है. इससे कीटनाशकों पर निर्भरता कम होती है और कीटों का प्रभावी तरीके से नियंत्रण किया जा सकता है.