दूध में मिलावट? इन आसान तरीकों से करें नकली दूध की पहचान
दूध में मिलावट अब एक आम बात हो गई है, कभी पानी तो कभी खतरनाक केमिकल मिलाकर इसे नकली बनाया जा रहा है. लेकिन ये मिलावट अब धीरे-धीरे हमारे शरीर को अंदर से खोखला कर रही है.

हर घर में रोजाना इस्तेमाल होने वाला दूध, जिसे हम सेहत की गारंटी समझते हैं, अक्सर खुद सवालों के घेरे में रहता है. बढ़ती कीमतों के साथ हम ये उम्मीद करते हैं कि हमें शुद्ध और पौष्टिक दूध मिलेगा, लेकिन हकीकत इससे अलग है. दूध में मिलावट अब एक आम बात हो गई है, कभी पानी तो कभी खतरनाक केमिकल मिलाकर इसे नकली बनाया जा रहा है.
ये मिलावट धीरे-धीरे हमारे शरीर को अंदर से खोखला कर रही है. ऐसे में जरूरी है कि हम सजग रहें और जानें कि दूध में कौन-कौन सी चीजे मिलाई जाती हैं, इससे सेहत को क्या नुकसान हो सकते हैं, और कैसे घर पर ही इसकी सच्चाई परख सकते हैं.
नकली दूध क्या होता है?
नकली दूध वो होता है जिसमें असली दूध की मात्रा कम या न के बराबर होती है और उसमें नुकसानदायक चीजे मिलाई जाती हैं. इसका मकसद होता है दूध की मात्रा बढ़ाना और मुनाफा कमाना, चाहे उपभोक्ता की सेहत पर इसका कितना भी बुरा असर क्यों न हो.
दूध में आमतौर पर मिलाई जाने वाली चीजें-
- पानी-दूध पतला करने के लिए
- साबुन/डिटर्जेंट- झाग और सफेदी दिखाने के लिए
- स्टार्च या मैदा- गाढ़ा दिखाने के लिए
- यूरिया- प्रोटीन दिखाने के लिए
- फॉर्मालिन- दूध को ज्यादा दिन तक खराब न होने देने के लिए
- सिंथेटिक दूध- पूरी तरह केमिकल से बना नकली दूध
नकली दूध से सेहत पर होने वाले खतरे
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, नकली दूध में मौजूद रसायन धीरे-धीरे शरीर को अंदर से नुकसान पहुंचाते हैं. इसके कुछ असर तुरंत दिखते हैं, तो कुछ लंबे समय में गंभीर बीमारियों में बदल सकते हैं. इस दूध का सेवन करने से पेट दर्द, उल्टी और दस्त, स्किन एलर्जी, खुजली, सांस लेने में दिक्कत, फूड पॉइजनिंग, लीवर और किडनी को नुकसान, हार्मोनल असंतुलन और यहां तक की कैंसर जैसी बीमारी का खतरा बना रहता है.
घर पर दूध की शुद्धता कैसे जांचें?
FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) के अनुसार, कुछ आसान घरेलू तरीकों से दूध की शुद्धता जांची जा सकती है-
स्टार्च जांच
दूध को उबालें, ठंडा होने पर उसमें आयोडीन की कुछ बूंदें डालें. अगर रंग नीला हो जाए, तो उसमें स्टार्च है.
डिटर्जेंट जांच
5 ml दूध में 5 ml पानी मिलाकर हिलाएं. ज्यादा झाग बने और देर तक रहे, तो डिटर्जेंट मिलाया गया है.
यूरिया जांच
दूध में सोयाबीन/अरहर पाउडर मिलाएं और 5 मिनट बाद रेड लिटमस पेपर डालें. अगर पेपर नीला हो जाए, तो यूरिया की मिलावट है.
फॉर्मालिन जांच
10 ml दूध में साइड से सल्फ्यूरिक एसिड की कुछ बूंदें डालें. अगर नीला या बैंगनी घेरा बने, तो दूध में फॉर्मालिन है.
सिंथेटिक दूध जांच
5 ml दूध और 5 ml पानी मिलाकर हिलाएं. झाग बने और देर तक बना रहे, तो दूध सिंथेटिक हो सकता है.
पानी की मिलावट जांच
दूध की एक बूंद एक ढलान वाली प्लेट पर डालें. अगर धीरे बहे और सफेद निशान छोड़े, तो शुद्ध है. अगर तेजी से बहे और निशान न छोड़े, तो पानी मिला है.
कैसे रखें खुद को और परिवार को सुरक्षित?
- हमेशा भरोसेमंद और जानी-पहचानी जगह से ही दूध लें.
- ISI या FSSAI सर्टिफाइड पैक दूध को ही प्राथमिकता दें.
- बाजार की बजाय घर पर बनी मिठाइयों को प्राथमिकता दें.
- दूध को इस्तेमाल करने से पहले उबालना न भूलें.
- दूध के पैकेट पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जरूर देखें.
- संभव हो तो पाउडर दूध का इस्तेमाल कम करें.