झारखंड के कोडरमा जिले में इन दिनों लोगों की नींद उड़ी हुई है. वजह है जंगली हाथियों का आतंक. बीते चार महीनों से हाथियों का एक झुंड लगातार गांवों में घूम रहा है. दो महीने में चार लोगों को हाथी कुचलकर मार चुके हैं. अब हालात ऐसे हो गए हैं कि गांव में इंसान दिखते ही हाथी उन्हें दौड़ाकर मारने लगते हैं. ताजा मामला जयनगर प्रखंड का है, जहां 55 साल के बुजुर्ग रविंद्र यादव को सुबह के वक्त हाथियों ने कुचल डाला.
कोडरमा जिले के मरकच्चो, जयनगर और डोमचांच प्रखंड में 20 से 25 हाथियों का एक झुंड बीते मार्च से सक्रिय है. दस मार्च को पहली बार इन हाथियों को जंगल में देखा गया था. तब से अब तक ये हाथी गांवों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, घर तोड़ रहे हैं और अब इंसानों को भी निशाना बना रहे हैं. बीते दो महीनों में चार लोगों की मौत हो चुकी है. गांव वालों का कहना है कि अब हाथी इंसानों को देखते ही गुस्से में दौड़ते हैं और कुचल डालते हैं.
हाथियों ने बुजुर्ग को कुचला
जयनगर प्रखंड के पीसपिरो गांव में सुबह-सुबह 55 वर्षीय रविंद्र यादव खेत की ओर जा रहे थे, तभी हाथियों के झुंड ने उन्हें घेर लिया और कुचलकर मार डाला. परिजनों का आरोप है कि वन विभाग को कई बार सूचना दी गई, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया.

हाथियों का आतंक से ग्रामीणों में दहशत का माहौल
क्यूआरटी टीम पर उठे सवाल
वन विभाग ने हाथियों से निपटने के लिए एक क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) बनाई है, जो मार्च से काम कर रही है. लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि टीम के रहते हुए भी घटनाएं क्यों नहीं रुक रहीं? ग्रामीणों का आरोप है कि टीम सिर्फ नाम की है, मौके पर कोई मदद नहीं मिलती. वहीं, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि घटना वाले दिन हाथियों के इलाके में होने की जानकारी उन्हें नहीं मिली थी, इसलिए समय पर कार्रवाई नहीं हो सकी.
क्या कहता है पर्यावरण संकट
विशेषज्ञों का मानना है कि हाथियों के व्यवहार में आक्रामकता का कारण श्रिंकिंग फॉरेस्ट एरिया यानी जंगलों का घटता दायरा है. जंगलों में भोजन और पानी की कमी के कारण हाथी इंसानी बस्तियों की ओर आ रहे हैं.