मक्का के खेत में दीमक दिखे तो तुरंत करें ये काम, वरना होगा नुकसान

दीमक का हमला धीरे-धीरे शुरू होता है, इसलिए जरूरी है कि किसान नियमित रूप से फसल की निगरानी करें. अगर पौधे अचानक सूखने लगें या मिट्टी में सुरंग जैसी आकृति दिखे, तो यह दीमक की मौजूदगी का संकेत हो सकता है.

नई दिल्ली | Published: 16 May, 2025 | 12:46 PM

मक्का की फसल हमारे देश में काफी महत्वपूर्ण है, खासकर पशु चारे और भोजन के रूप में. लेकिन अगर सही समय पर ध्यान न दिया जाए, तो दीमक जैसी छोटी दिखने वाली समस्या, किसानों के लिए बड़ी चिंता बन सकती है. दीमक मिट्टी के अंदर छिपकर धीरे-धीरे पौधों की जड़ों को खा जाती है, जिससे पौधे सूखने लगते हैं और पैदावार घट जाती है. इसलिए जरूरी है कि किसान समय रहते दीमक पर नियंत्रण करें, ताकि फसल की सुरक्षा हो और मेहनत का पूरा फल मिल सके.

दीमक नियंत्रण का सबसे असरदार तरीका-‘बेट स्टेशन’

आजकल मक्का की फसल में दीमक रोकने का एक आधुनिक और असरदार तरीका है बेट स्टेशन लगाना. ये छोटे-छोटे बक्से जैसे उपकरण खेत में कुछ दूरी पर लगाए जाते हैं, जिनमें दीमक को आकर्षित करने वाला जहरीला पदार्थ होता है. जब दीमक इसे खाती है, तो उसे अपने साथ पूरी कालोनी में ले जाती है, जिससे एक साथ कई दीमक मर जाती हैं. इस विधि से दीमक की पूरी बस्ती को खत्म किया जा सकता है और वह भी बिना खेत को ज्यादा नुकसान पहुंचाए.

कीटनाशकों का इस्तेमाल

दीमक नियंत्रण के लिए कीटनाशक दवाएं भी एक अच्छा ऑप्शन हैं. बाजार में कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन यह जरूरी है कि किसान कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही दवा का चुनाव करें.

दवा का छिड़काव करते समय इन बातों का ध्यान रखें-

सांस्कृतिक तरीके भी हैं कारगर

कीटनाशकों के साथ-साथ कुछ प्राकृतिक और सांस्कृतिक उपाय भी अपनाकर दीमक पर नियंत्रण पाया जा सकता है-

फसल चक्र अपनाएं: हर बार एक ही फसल न बोएं. फसल बदलने से दीमक की संख्या में कमी आती है.

दीमक-रोधी किस्मों का इस्तेमाल: दीमक-रोधी मक्का की किस्में लगाएं, जो दीमक के हमले को सहन कर सकें.

खेत को साफ रखें: खेत में सूखी पत्तियां, लकड़ी या सड़ी-गली फसल का कचरा न छोड़े, क्योंकि दीमक ऐसी चीजों की ओर जल्दी आकर्षित होती हैं.

निगरानी रखें

दीमक का हमला धीरे-धीरे शुरू होता है, इसलिए जरूरी है कि किसान नियमित रूप से फसल की निगरानी करें. अगर पौधे अचानक सूखने लगें या मिट्टी में सुरंग जैसी आकृति दिखे, तो यह दीमक की मौजूदगी का संकेत हो सकता है. शुरुआत में ही अगर दीमक को पहचान लिया जाए और उपाय किए जाएं, तो नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है.

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