Chhath Puja 2025: नोट कर लें सूर्य को अर्घ्य देने का समय, जानें आपके शहर में कब होगा सूर्यास्त!

Chhath Puja 2025: छठ महापर्व का चौथा दिन सबसे पवित्र माना जाता है, जब श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न करते हैं. इससे पहले तीसरे दिन अस्तगामी यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से दोनों अर्घ्य करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और नई ऊर्जा का संचार होता है. आइए जानते हैं इस बार कब और किस समय दिया जाएगा डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य.

नोएडा | Published: 27 Oct, 2025 | 01:54 PM
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Chhath Puja 2025: छठ पूजा हिंदू धर्म के सबसे पवित्र पर्वों में से एक है, जो चार दिनों तक मनाया जाता है. इस दौरान व्रती महिलाएं कठोर नियमों का पालन करती हैं, बिना भोजन और पानी ग्रहण किए भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा करती हैं.

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Sandhya Arghya: तीसरे दिन श्रद्धालु अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य देते हैं. यह क्षण सूर्यदेव के प्रति आभार व्यक्त करने का होता है. माना जाता है कि इस अर्घ्य से संतान की रक्षा होती है, परिवार में सुख-शांति आती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

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Usha Arghya: चौथे दिन प्रातःकाल में ऊषा अर्घ्य दिया जाता है. यह अर्घ्य जीवन में नई शुरुआत, सकारात्मक सोच और ऊर्जा का प्रतीक है. इसे देने से जीवन में सफलता और सौभाग्य प्राप्त होता है.

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Chhath Puja: धार्मिक मान्यता के अनुसार, डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और व्यक्ति का आत्मबल बढ़ता है. साथ ही, सूर्यदेव की कृपा से जीवन में समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है.

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Arghya Timimg: अर्घ्य टाइमिंग (27–28 अक्टूबर 2025) – पटना: सूर्यास्त 5:11 PM, सूर्योदय 5:55 AM, दिल्ली: सूर्यास्त 5:40 PM, सूर्योदय 6:30 AM, कोलकाता: सूर्यास्त 5:02 PM, सूर्योदय 5:38 AM. इन समयों पर जल अर्पण का विशेष महत्व माना गया है, क्योंकि यही वह पल है जब सूर्यदेव सबसे अधिक प्रसन्न होते हैं.

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Chhath Puja Siginificance: छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि यह प्रकृति, अनुशासन और आत्मसंयम का उत्सव है. इस पर्व के माध्यम से भक्त सूर्यदेव की उपासना कर जीवन में नई रोशनी, संतुलन और आध्यात्मिक शक्ति का स्वागत करते हैं.

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