‘हरा सोना’! दूध उत्पादन बढ़ाने से लेकर आमदनी 2X करने तक, किसानों के लिए वरदान से कम नहीं ये घास

Hathi Ghas Ke Fayde: राजस्थान की धरती, जहां खेती और पशुपालन जीवन का अहम आधार है, वहीं नेपियर घास यानी हाथी घास किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं. यह घास केवल चारे तक सीमित नहीं, बल्कि ‘हरी सोने की फसल’ कहलाती है. इंसान से भी ऊंची लंबाई वाली यह घास एक बार बोने पर सालों तक हरा-भरा चारा देती रहती है. यही कारण है कि यह न सिर्फ पशुओं के दूध उत्पादन को बढ़ाती है, बल्कि किसानों की आमदनी को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रही है.

नोएडा | Published: 28 Aug, 2025 | 11:59 AM
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नेपियर घास को एक बार बोने के बाद 10 साल तक बार-बार बोने की जरूरत नहीं होती. ऐसे में किसानों की मेहनत और लागत दोनों कम हो जाती हैं.

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गाय और भैंस इस घास को बड़े चाव से खाते हैं क्योंकि इसका स्वाद मीठा होता है. इसके सेवन से दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन में सुधार होता है साथ ही इससे वह स्वस्थ भी रहते हैं.

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नेपियर घास के पत्ते 100-120 सेंटीमीटर लंबे और 6-8 सेंटीमीटर चौड़े होते हैं, जो अधिक चारा उपलब्ध कराते हैं और पशुओं की भूख संतुष्ट करते हैं.

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इस घास की देखभाल भी काफी आसान है. इसके लिए आपको गहरी जुताई की जरूरत नहीं होती. कटाई के बाद यह जल्दी हरी-भरी हो जाती है और लगातार चारा प्रदान करती रहती है.

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कम लागत, बारहमासी उपज और तेज बढ़ोतरी की वजह से नेपियर घास हर मौसम में हरा और पौष्टिक चारा उपलब्ध कराती है, जिससे पशुपालक हमेशा संतुष्ट रहते हैं.

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खेती और पशुपालन में संतुलन बनाए रखते हुए यह घास किसानों की आय बढ़ाने और आर्थिक मजबूती देने में मदद करती है.

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