प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा देना है. 2019 में शुरू की गई इस योजना के तहत किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये प्रति माह की पेंशन दी जाती है, जिससे वे अपने बुढ़ापे में आत्मनिर्भर बने रह सकें. जानिए, कैसे आप भी इस योजना का फायदा उठा सकते हैं.
योजना की मुख्य विशेषताएं
योग्यता और आयु सीमा
इस योजना का लाभ उठाने के लिए 18 से 40 वर्ष के किसान आवेदन कर सकते हैं. किसानों के पास खेती योग्य भूमि होना अनिवार्य है. इसके साथ ही, किसानों को 55 रुपये से 200 रुपये तक का मासिक योगदान देना होता है, जो उनकी उम्र पर निर्भर करता है. अधिकतम वार्षिक योगदान 2,400 रुपये और न्यूनतम वार्षिक योगदान 660 रुपये है.
पेंशन लाभ
60 वर्ष की आयु के बाद किसानों को 3,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाती है. इस बीच अगर किसान की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी को 50% पेंशन मिलती है. पति-पत्नी दोनों इस योजना के तहत अलग-अलग पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिससे परिवार को 6,000 रुपये प्रति माह तक का लाभ मिल सकता है.
कौन योग्य, कौन नहीं?
योग्य किसान
-इस योजना का लाभ वही किसान उठा सकते हैं, जिनके नाम पर खेती योग्य जमीन है.
-ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
अयोग्य किसान
-राज्य या केंद्र सरकार, पीएसयू (PSU) और सरकारी संस्थाओं के मौजूदा एवं रिटायर्ड अधिकारी.
-आयकर देने वाले किसान इस योजना में शामिल नहीं हो सकते.
-जो पहले से ही 10,000 रुपये से अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, वे भी अयोग्य माने जाएंगे.
योजना से बाहर निकलने के विकल्प
यदि किसान 10 वर्षों से कम समय में योजना छोड़ता है, तो उसे जमा राशि के साथ बचत खाते की ब्याज दर के अनुसार भुगतान किया जाएगा.
कैसे करें फ्री में रजिस्ट्रेशन?
अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं.
निःशुल्क रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज लेकर जाएं:
आधार कार्ड
भूमि संबंधित दस्तावेज
परिवार की वार्षिक आय प्रमाण पत्र
बैंक अकाउंट विवरण
आवेदन पत्र को आधार कार्ड से लिंक कराएं और सभी जानकारी सत्यापित करें.
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको पंजीकरण संख्या प्राप्त होगी.