Monsoon Alert: जल्द आ सकता है मानसून! केरल में 4-5 दिन में होगी बारिश की एंट्री

आमतौर पर मानसून हर साल 1 जून को केरल में दस्तक देता है. लेकिन इस बार IMD के अनुसार, मानसून 5-6 दिन पहले यानी 25 मई के आसपास ही आ सकता है. अगर ऐसा हुआ, तो 2009 के बाद यह मानसून की सबसे जल्दी दस्तक होगी, जब वह 23 मई को आया था.

नई दिल्ली | Published: 20 May, 2025 | 02:34 PM

इन दिनों उत्तर भारत, खासकर दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के लोग भीषण गर्मी से बेहाल हैं. तापमान 45 डिग्री के पार जा चुका है और लोगों को तेज धूप व लू से बचना मुश्किल हो गया है. ऐसे में राहत की बड़ी खबर आई है कि मानसून इस बार समय से पहले दस्तक दे सकता है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने ताजा अपडेट में कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 4 से 5 दिनों में केरल पहुंच सकता है, यानी 25 मई तक. यह खबर किसानों और आम लोगों के लिए किसी राहत से कम नहीं है.

पहले क्या था अनुमान?

कुछ दिन पहले मौसम विभाग ने बताया था कि 27 मई तक मानसून केरल पहुंचेगा. लेकिन अब मौसम के मौजूदा हालातों को देखकर यह साफ है कि मौसम में बदलाव तेजी से हो रहा है और बारिश लाने वाली हवाएं जल्दी सक्रिय हो रही हैं.

सामान्य से पहले मानसून क्यों है खास?

आमतौर पर मानसून हर साल 1 जून को केरल में दस्तक देता है. लेकिन इस बार IMD के अनुसार, मानसून 5-6 दिन पहले यानी 25 मई के आसपास ही आ सकता है. अगर ऐसा हुआ, तो 2009 के बाद यह मानसून की सबसे जल्दी दस्तक होगी, जब वह 23 मई को आया था.

अब तक मानसून के आगमन की तारीखें

इस साल, मौसम विभाग ने अप्रैल में ही संकेत दे दिया था कि 2025 में बारिश सामान्य से ज्यादा हो सकती है. साथ ही, अल नीनो का असर भी नहीं होगा, जो सामान्यतः कम बारिश का कारण बनता है.

क्यों जरूरी है समय पर मानसून?

भारत का कृषि क्षेत्र पूरी तरह से मानसून पर निर्भर करता है. देश की 42% से ज्यादा आबादी की आजीविका खेती पर निर्भर है. इसके साथ ही कृषि का योगदान GDP में लगभग 18% है. वहीं मानसून न सिर्फ फसलों के लिए जरूरी है, बल्कि यह जलाशयों और बांधों को भरने में भी मदद करता है, जिससे पेयजल और बिजली उत्पादन सुचारु रहता है.

मानसून की बारिश कैसे मापी जाती है?

IMD हर साल मॉनसून की बरसात को ‘दीर्घावधि औसत (LPA)’ के हिसाब से मापता है.

क्या पूरे देश में जल्दी आएगा मानसून?

हालांकि मानसून केरल में जल्दी पहुंचेगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पूरे देश में एक साथ बारिश शुरू हो जाएगी. आमतौर पर, मानसून 1 जून को केरल से शुरू होकर 8 जुलाई तक पूरे देश में फैलता है. इसके बाद यह उत्तर भारत और मध्य भारत तक धीरे-धीरे पहुंचता है.

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