एथेनॉल के लिए 28 लाख टन अतिरिक्त चावल की मंजूरी, सब्सिडी पर खर्च होंगे 10000 करोड़
केंद्र सरकार ने एथेनॉल उत्पादन के लिए 52 लाख टन एफसीआई चावल आवंटित किया है. इससे 245 करोड़ लीटर एथेनॉल बनेगा. सरकार को 10,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देनी होगी.
केंद्र सरकार ने 2024–25 एथेनॉल सप्लाई साल के लिए एथेनॉल प्रोग्राम के तहत 28 लाख टन अतिरिक्त चावल देने की मंजूरी दे दी है. इससे कुल आवंटन अब 52 लाख टन हो गया है, जो नवंबर 2024 से शुरू हुआ है. हालांकि, एथेनॉल के लिए चावल की कीमत पहले जैसी ही 22.50 रुपये प्रति किलो बनी हुई है. फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) ने पहले से आवंटित 24 लाख टन चावल डिस्टिलरी को दे दिया है, लेकिन एथेनॉल बनाने वाली कंपनियों ने अब तक सिर्फ 10 लाख टन से भी कम चावल उठाया है.
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य मंत्रालय ने हाल ही में जारी एक मेमोरेंडम में कहा था कि सक्षम प्राधिकरण ने एथेनॉल उत्पादन के लिए एफसीआई चावल के आवंटन को मंजूरी दे दी है. यह चावल तय रेट 22.50 रुपयये प्रति किलो पर मिलेगा और इसकी कुल मात्रा 52 लाख टन होगी (जिसमें पहले से दिए गए 24 लाख टन और नए 28 लाख टन शामिल हैं). यह आवंटन एथेनॉल सप्लाई ईयर 2024–25 (1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक) के लिए होगा. यह फैसला फीडस्टॉक की जरूरत और एफसीआई चावल से संभावित उत्पादन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
तैयार होगा 245 करोड़ लीटर एथेनॉल
अगर एक टन एफसीआई चावल से 470 लीटर एथेनॉल बनता है, तो 52 लाख टन चावल से करीब 245 करोड़ लीटर एथेनॉल तैयार किया जा सकता है. इसके लिए सरकार को लगभग 10,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देनी पड़ेगी. साल 2025–26 के लिए चावल की अनुमानित आर्थिक लागत 41.73 रुपये प्रति किलो है, जबकि एथेनॉल के लिए तय कीमत 22.50 रुपये प्रति किलो है. इस हिसाब से सरकार प्रति किलो 19.23 रुपये की सब्सिडी देगी. अगर डिस्टिलरियां पूरा 52 लाख टन चावल उठाती हैं, तो वे एफसीआई को 11,700 करोड़ रुपय चुकाएंगी. वहीं, तेल कंपनियों को एथेनॉल बेचकर उन्हें लगभग 14,300 करोड़ रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है.
एथेनॉल ब्लेंडिंग रेट 18.5 फीसदी से ज्यादा
सरकार का लक्ष्य है कि एथेनॉल सप्लाई ईयर (ESY) 2024-25, जो 31 अक्टूबर को खत्म होगा, तक पेट्रोल में 18 फीसदी एथेनॉल मिलाया जाए. अगले साल यानी ESY 2025-26 में यह लक्ष्य 20 फीसदी है. लेकिन नवंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच एथेनॉल ब्लेंडिंग रेट 18.5 फीसदी से ज्यादा रहा है.