बिहार में बनेंगे 38 नए फार्म मशीनरी बैंक, किसानों को आसानी से मिलेंगी मॉडर्न मशीनें

बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में अबतक 569 फार्म मशीनरी बैंक बनाए जा चुके हैं. जिनकी मदद से किसानों को खेती में इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं

नोएडा | Updated On: 6 Jun, 2025 | 01:20 PM

किसानों को खेती करने में किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए राज्य सरकारें हर संभव कोशिश करती रहती हैं. इसके साथ की किसानों की आमदनी बढ़ने के लिए भी कई तरह की योजनाएं लेकर आती हैं. आज के आधुनिक समय में खेती भी आधुनिक हो गई है और किसानों को आधुनिक खेती के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी सरकार की ही है. ऐसा ही कुछ बिहार सरकार में है , जहां प्रदेश में फार्म मशीनरी बैंक के जरिए किसानों को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में 38 नए फार्म मशीनरी बैंक बनाने का लक्ष्य तय किया गया है.

अब तक बन चुके 569 फार्म

बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में अबतक 569 फार्म मशीनरी बैंक बनाए जा चुके हैं. जिनकी मदद से किसानों को खेती में इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं . बता दें कि किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी करने के लिए कृषि रोड मैप के अंतर्गत फार्म मशीनरी बैंक बनाने का प्रावधान है, जिसके तहत अबतक 569 फार्म मशीनरी बैंक बनाए जा चुके हैं.

2025-26 में बनेंगे 38 नए बैंक

उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में सरकार ने 38 नए फार्म मशीनरी बैंक बनाने का लक्ष्य बनाया है. इन बैंक को बनाने में 10 लाख रुपए की लागत आ रही है जिसपर 80 फीसदी सब्सिडी सरकार की ओर से दी जाएगी. उन्होंने बताया कि फार्म मशीनरी बैंक में किसानों को खेती से जुड़े सभी आधुनिक उपकरण जैसे जुताई, बुआई, रोपाई, कटाई और थ्रेशिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे.

स्थानीय फसल के अनुसार होगा उपकरण का चयन

विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी फार्म मशीनरी बैंक में कम से कम एक ट्रैक्टर से चलने वाला उपकरण रखना जरूरी होगा. उन्होंने बताया कि उपकरणों का चुनाव स्थानीय फसल चक्र के अनुसार किया जाएगा ताकि किसानों को सही समय पर सही उपकरण मिल सकें. बता दें कि इस योजना का लाभ जीविका समूह, ग्राम संगठन, नाबार्ड, बैंक से जुड़े हुए किसान क्लब, स्वयं सहायता समूह और पैक्स को दिया जा रहा है.

Published: 6 Jun, 2025 | 01:19 PM