MSP पर होगी मक्के की खरीद? सरकार ने बनाया गजब का प्लान.. किसानों की बढ़ जाएगी कमाई
उत्तरी कर्नाटक में MSP से नीचे गिरती मक्का कीमतों को लेकर किसान विरोध कर रहे हैं. सरकार डिस्टिलरी और पोल्ट्री उद्योग से खरीद बढ़ाने की कोशिश कर रही है. NAFED/NCCF द्वारा खरीद न शुरू होने से संकट बढ़ा है, इसलिए केंद्र से मक्का आयात रोकने और 8 लाख टन तत्काल खरीद की मांग की गई है.
Karnataka News: उत्तरी कर्नाटक में किसान मक्का को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं. इस बीच, राज्य सरकार ने किसानों को पूरा सहयोग देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने कहा कि राज्य की बड़ी डिस्टिलरीज को जल्द से जल्द इथेनॉल बनाने के लिए मक्का खरीदने के निर्देश दिए जाएंगे. इसके अलावा, पोल्ट्री उद्योग से भी चर्चा की जाएगी, क्योंकि उन्हें भी मक्का की बड़ी आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि मक्का के दाम गिरने से प्रभावित किसानों की हर तरह से मदद की जाएगी. चूंकि देश में उत्पादन पर्याप्त है, इसलिए केंद्र सरकार को 70 लाख टन मक्का के आयात पर रोक लगाने के लिए पत्र लिखा जाएगा.
कर्नाटक में मक्का का उत्पादन बढ़ने और प्रमुख उद्योगों से मांग कम होने के कारण मक्का के दाम MSP यानी 2,400 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे चल रहे हैं. इसी वजह से उत्तर कर्नाटक के कई हिस्सों में किसान MSP पर खरीद की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं. Agmarknet के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में थोक बाजार में मक्का का औसत भाव करीब 1,814 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जो पिछले महीने से 6 फीसदी और पिछले साल इसी समय से 17 फीसदी कम है.
डिस्टिलरीज ने बड़ा स्टॉक जमा कर लिया था
बैठक में बताया गया कि कर्नाटक और देशभर में मक्का उत्पादन बढ़ा है, लेकिन राज्य को मक्का से इथेनॉल बनाने के लिए बहुत कम क्वोटा मिला है. इसका असर यह हुआ कि डिस्टिलरीज अब कम मात्रा में मक्का खरीद रही हैं. पहले जब दाम कम थे, तब डिस्टिलरीज ने बड़ा स्टॉक जमा कर लिया था, इसलिए अब वे खरीद नहीं कर रहीं, जो नियमों के खिलाफ है.
इथेनॉल उत्पादन में मक्का इस्तेमाल करने के लिए दिशानिर्देश जारी
हालांकि केंद्र सरकार ने NAFED/NCCF के जरिए MSP पर खरीद और इथेनॉल उत्पादन में मक्का इस्तेमाल करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे, लेकिन एजेंसियों ने अभी तक खरीद शुरू नहीं की है, जिससे किसानों की दिक्कत और बढ़ गई है. बैठक में फैसला लिया गया कि केंद्र सरकार से तुरंत मक्का आयात पर रोक लगाने की मांग की जाएगी, ताकि बाजार में दाम स्थिर हों. साथ ही NAFED/NCCF पर 8 लाख टन मक्का जल्द से जल्द खरीदने का दबाव डाला जाएगा. चूंकि इन एजेंसियों ने अभी तक खरीद केंद्र नहीं खोले हैं, इसलिए सरकार उनसे तुरंत खरीद शुरू करने की मांग करेगी.