Mandi Bhav: इस राज्य में 170 रुपये बैंगन तो 250 रुपये किलो हुई बींस, हरी मिर्च का रेट सुन उड़ जाएंगे होश
बारिश से सब्जियों को नुकसान पहुंचा है. बींस 150 रुपये से बढ़कर 250 रुपये प्रति किलो हो गई है और शिमला मिर्च भी अब लगभग 200 रुपये प्रति बिक रही है, जो एक महीने पहले 100-120 रुपये थी.
Vegetable Price Hike: पिछले दो हफ्तों में पश्चिम बंगाल में हुई रिकॉर्ड बारिश से बागवानी फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. हजारों हेक्टेयर खेतों में पानी भर गया और खड़ी फसलें डूब गई हैं. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ, क्योंकि सब्जियां पानी में सड़ गईं. इस कारण कोलकाता में सब्जियों की भारी कमी हो गई और दाम आसमान छूने लगे हैं. महंगाई का आलम यह है कि कई सब्जियां 200 रुपये किलो के पार पहुंच गई हैं.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बैंगन, करेले, हरी मिर्च और शिमला मिर्च सहित कई हरी सब्जियों की कीमतों में काफी अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है. एक तुलनात्मक बाजार आकलन के अनुसार, बैंगन की कीमत 30 जून को 100-120 रुपये प्रति किलो थी, जो अब बढ़कर 160 से 170 रुपये प्रति किलो हो गई है. इसी तरह हरी मिर्च, जो कभी 60 से 70 रुपये प्रति किलो बिकती थी, अब 200 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.
200 रुपये किलो शिमला मिर्च
वहीं, बींस 150 रुपये से बढ़कर 250 रुपये प्रति किलो हो गई है और शिमला मिर्च भी अब लगभग 200 रुपये प्रति बिक रही है, जो एक महीने पहले 100-120 रुपये थी. मनिकतला बाजार के एक थोक विक्रेता, कार्तिक साहा ने कहा कि खेतों में अब भी पानी भरा है. जो थोड़ी बहुत सब्जी हम निकाल पाए, वो भी ज्यादा नमी के कारण जल्दी खराब हो रही है. जो सब्जियां पानी में डूबे इलाकों से आती हैं, वो कुछ ही घंटों में सड़ने लगती हैं.
बाजार में सप्लाई और भी घट गई
उन्होंने आगे कहा कि सब्जियों का रंग एक रात में ही बदल जाता है. ऐसे मे हम पिछले दिन का स्टॉक न तो रख सकते हैं और न ही दोबारा बेच सकते हैं. इसी वजह से हमें मजबूरी में कम दामों पर सब्जियां बेचनी पड़ रही हैं, जिससे भारी नुकसान हो रहा है. हालांकि, अब विक्रेता सब्जियां कम मात्रा में ला रहे हैं, क्योंकि ज्यादा खरीदने पर खराब होने का खतरा बढ़ गया है. इसके कारण हर दुकान पर सब्जियों की उपलब्धता काफी कम हो गई है और बाजार में सप्लाई और भी घट गई है.
कीमतों में और हो सकती है बढ़ोतरी
एक अन्य व्यापारी ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों तक सब्जियों की कीमतें और बढ़ेंगी, क्योंकि मांग ज्यादा है और सप्लाई बहुत कम. अब हमें पड़ोसी राज्यों से सब्जियां मंगानी पड़ेंगी. मौजूदा फसल तो पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. एक स्कूल टीचर ने कहा कि सब्जियों के दाम आसमान पर हैं, लेकिन क्वालिटी बहुत खराब है. ज्यादातर सब्जियां एक ही दिन में सड़ जाती हैं और इस्तेमाल के लायक नहीं रहतीं, जिससे घर का बजट बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.