Bihar News: बिहार के किसान अब पारंपरिक खेती से अलग हटकर आधुनिक खेती का हाथ थाम रहे हैं. प्रदेश सरकार की तरफ से किसानों के हितों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर और आधुनिक खेती के लिए मिलने वाले प्रोत्साहन के चलते अब यहां के किसान खेती की तस्वीर बदल रहे हैं. ऐसा ही कुछ बिहार के किशनगंज जिले के रहने वाले प्रगतिशील किसान नागराज ने किया, जो आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं और फसल की अच्छी ग्रोथ के लिए ड्रिप- स्प्रिंकलर सिंचाई का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.
ड्रिप सिंचाई से बढ़ेगा जलस्तर
बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड के रहने वाले नागराज एक प्रगतिशील किसान हैं जो आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर खेती को स्मार्ट और टिकाऊ बना रहे हैं. किसान नागराज बताते हैं कि वे अपने खेतों में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं जिससे उन्हें काफी फायदा भी हो रहा है. ड्रिप सिंचाई (Drip Irrigation) तकनीक के बारे में बात करते हुए किसान नागराज बताते हैं कि प्रदेश में पानी का स्तर कम हो रहा है, जिस कारण से ड्रिप सिंचाई तकनीक से खेती करना लाभदायक है क्योंकि इससे पानी की बचत होती है. उन्होंने बताया कि पानी कम खर्च होगा तो जल स्तर में भी सुधार आएगा.

किसान नागराज की ड्रैगन फ्रूट की फसल (Photo Credit- Bihar Krishi Vibhag)
कम लागत में ज्यादा मुनाफा
बिहार कृषि विभाग की ओर से सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, ठाकुरगंज प्रखंड के ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit Farming) किसान नागराज बताते हैं कि ड्रिप सिंचाई से खेतों में पानी जरूरत के अनुसार सीधे जड़ों में ही जाता है, इस तरह खेतों में अनावश्यक खरपतवार और घास नहीं पनपती है. इस कारण किसानों को खेतों की सफाई करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है और खेती में आने वाली उनकी लागत भी कम होती है. इस तरह से किसान कम लागत में भी खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
स्प्रिंकलर तकनीक से फोटोसिंथेसिस अच्छा होता है
किसान नागराज बताते हैं कि स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक इस्तेमाल करने के अपने अलग फायदे हैं. उन्होंने बताया कि इस तकनीक से खेतों की सिंचाई करने से खेतों की घास और पत्तियों की सफाई भी हो जाती है. जिस कारण फसलों पर सीधे धूप की रोशनी पड़ती है और फोटोसिंथेसिस (Photosynthesis) की प्रक्रिया अच्छे से होती है. इस तरह से भी किसानों की लागत में कमी आएगी. उन्होंने आगे कहा कि ड्रैगन फ्रूट की खेती दोनों ही तरह की सिंचाई तकनीकों से की जा सकती है क्योंकि दोनों ही तरीके इसकी खेती के लिए सही हैं.

स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक (Photo Credit- Bihar Krishi Vibhag)