ड्रैगन फ्रूट की खेती पर सरकार दे रही 2.7 लाख रुपये की मदद, अभी करें आवेदन

सरकार ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को दो साल में 2.7 लाख रुपये तक की सब्सिडी दे रही है. खेती में कम लागत लगती है और मुनाफा ज्यादा होता है.

Kisan India
नोएडा | Published: 4 Sep, 2025 | 09:00 AM

किसानों के लिए एक खुशखबरी है. अब पारंपरिक खेती से हटकर विदेशी फलों की खेती कर अच्छी कमाई की जा सकती है. सरकार भी इस काम में मदद कर रही है.

ड्रैगन फ्रूट, जो पहले विदेशों में उगाया जाता था, अब भारत में भी लोकप्रिय हो रहा है. इसकी खेती पर सरकार दो साल में 2.7 लाख रुपये तक का अनुदान सीधे किसानों के खाते में भेज रही है. अगर आप भी किसान हैं और नई फसलें उगाने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है.

क्या है ड्रैगन फ्रूट और क्यों है खास?

ड्रैगन फ्रूट एक विदेशी फल है जो अब भारत में भी उगाया जा रहा है. यह फल स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें फाइबर, आयरन, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं. बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है. यही वजह है कि कई किसान पारंपरिक फसलों को छोड़कर ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर बढ़ रहे हैं. यह फल कम पानी और कम देखरेख में भी तैयार हो जाता है और एक बार पौधे लगाने के बाद कई सालों तक फल देता है.

सरकार से कितना मिलेगा अनुदान?

राज्य सरकार किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए बागवानी मिशन योजना के तहत अनुदान दिया जा रहा है. इस योजना में एक यूनिट की लागत लगभग 5.75 लाख रुपये मानी गई है. सरकार इसके लिए 40 फीसदी यानी करीब 2.70 लाख रुपये तक की सब्सिडी देती है. पहले साल किसानों को 1.62 लाख रुपये की सहायता दी जाती है और शेष राशि दूसरे वर्ष दी जाती है. यह पूरी रकम डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाती है, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी और आसान रहती है.

कैसे मिलेगा योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को हॉर्टिकल्चर पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा. योजना में चयन प्रक्रिया पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होती है. पंजीकरण के बाद विभाग द्वारा खेत का भौतिक सत्यापन किया जाता है. सत्यापन के बाद किसानों को अनुदान की राशि किस्तों में सीधे बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती है. वर्ष 2025 के लिए जिले में 5 हेक्टेयर ड्रैगन फ्रूट की खेती का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 4 हेक्टेयर सामान्य और 1 हेक्टेयर अनुसूचित जाति के किसानों के लिए आरक्षित किया गया है.

कम लागत, ज्यादा मुनाफा

  • ड्रैगन फ्रूट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी खेती में पानी और खाद की बहुत कम जरूरत होती है.
  • एक बार खेत तैयार करने और पौधे लगाने के बाद अगले 20 साल तक फल मिलता रहता है.
  • इसकी खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशक की जरूरत भी नहीं होती, जिससे लागत कम आती है.
  • बाजार में इसकी कीमत 150 से 300 रुपये प्रति किलो तक रहती है.
  • एक हेक्टेयर में अगर 4000 पौधे लगाए जाएं तो साल में 4-5 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है.

किसानों के लिए क्यों है ये एक सुनहरा मौका?

यह योजना किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर नई और उन्नत खेती की ओर प्रेरित करती है. इससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ती है, बल्कि खेती में जोखिम भी कम होता है. ड्रैगन फ्रूट की खेती में कम पानी और कम देखरेख की आवश्यकता होती है, जिससे यह उन क्षेत्रों में भी सफल हो सकती है जहाँ सिंचाई की सुविधा सीमित है. सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान के कारण किसानों का खर्च भी कम होता है और वे आर्थिक रूप से सशक्त बनते हैं. यदि आप खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए लाभकारी हो सकती है.

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Published: 4 Sep, 2025 | 09:00 AM

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