Shardiya Navratri 2025: घटस्थापना के साथ क्यों बोए जाते हैं जौ? जानें इस प्राचीन परंपरा का महत्व!

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि सिर्फ माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का पर्व नहीं है, बल्कि यह शक्ति, साहस, समृद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक भी है. इस पावन अवसर पर घटस्थापना और जौ बोने की परंपरा का विशेष महत्व है. माना जाता है कि नवरात्रि में बोया गया जौ केवल अंकुरित अनाज नहीं होता, बल्कि यह घर-परिवार में खुशहाली, आर्थिक स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश लाता है. पुराणों में वर्णित है कि असुरों पर माता दुर्गा की विजय के बाद धरती पर सबसे पहले जौ उगे थे, जिसे समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक माना गया.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 16 Sep, 2025 | 03:38 PM
1 / 6Shardiya Navratri: शारदीय नवरात्रि में श्रद्धालु माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं. इन नौ दिनों में उपासना और व्रत रखने से जीवन में साहस, शक्ति, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.

Shardiya Navratri: शारदीय नवरात्रि में श्रद्धालु माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं. इन नौ दिनों में उपासना और व्रत रखने से जीवन में साहस, शक्ति, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.

2 / 6Kalash Sthapana: नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना और जौ बोने की परंपरा से होती है. जौ को अंकुरित करने का उद्देश्य घर में खुशहाली, आर्थिक स्थिरता और नई शुरुआत का शुभ संकेत सुनिश्चित करना है.

Kalash Sthapana: नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना और जौ बोने की परंपरा से होती है. जौ को अंकुरित करने का उद्देश्य घर में खुशहाली, आर्थिक स्थिरता और नई शुरुआत का शुभ संकेत सुनिश्चित करना है.

3 / 6Jau Significance: जौ अनाज का पहला रूप माना जाता है. यदि यह ठीक तरह से अंकुरित होता है, तो यह परिवार में समृद्धि, खुशहाली और घर के सभी सदस्यों के लिए मंगलकारी परिणाम लाता है.

Jau Significance: जौ अनाज का पहला रूप माना जाता है. यदि यह ठीक तरह से अंकुरित होता है, तो यह परिवार में समृद्धि, खुशहाली और घर के सभी सदस्यों के लिए मंगलकारी परिणाम लाता है.

4 / 6Navratri 2025: पुराणों के अनुसार असुरों का वध करने के बाद जब पृथ्वी फिर से हरी-भरी हुई, सबसे पहले जौ उगे. इसे उर्वरता, जीवनदायिनी शक्ति और हरित समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

Navratri 2025: पुराणों के अनुसार असुरों का वध करने के बाद जब पृथ्वी फिर से हरी-भरी हुई, सबसे पहले जौ उगे. इसे उर्वरता, जीवनदायिनी शक्ति और हरित समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

5 / 6Navratri Signifaicance: कथा अनुसार सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा जी ने सबसे पहले जौ को जन्म दिया. यही कारण है कि नवरात्रि में जौ बोना नई शुरुआत, जीवन में प्रगति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है.

Navratri Signifaicance: कथा अनुसार सृष्टि के आरंभ में ब्रह्मा जी ने सबसे पहले जौ को जन्म दिया. यही कारण है कि नवरात्रि में जौ बोना नई शुरुआत, जीवन में प्रगति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होता है.

6 / 6Shardiya Navratri Ghatsthapana: नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के पात्र में स्वच्छ मिट्टी डालकर जौ बोए जाते हैं और नौ दिनों तक नियमित जल अर्पित किया जाता है. जौ की तेजी से अंकुरित होने को परिवार के लिए शुभ और लाभकारी माना जाता है.

Shardiya Navratri Ghatsthapana: नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के पात्र में स्वच्छ मिट्टी डालकर जौ बोए जाते हैं और नौ दिनों तक नियमित जल अर्पित किया जाता है. जौ की तेजी से अंकुरित होने को परिवार के लिए शुभ और लाभकारी माना जाता है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?