इंटरनेशनल हुआ उत्तर प्रदेश का दशहरी आम, पहली खेप पहुंची दुबई

राज्य सरकार के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत पहली बार 1,200 किलो दशहरी आम (400 बॉक्स, प्रत्येक 3 किलो का) दुबई भेजा गया है.

नई दिल्ली | Published: 17 Jun, 2025 | 08:52 AM

उत्तर प्रदेश के दशहरी आम ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है. राज्य सरकार के कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत पहली बार 1,200 किलो दशहरी आम (400 बॉक्स, प्रत्येक 3 किलो का) दुबई भेजा गया है. इस ऐतिहासिक कदम से प्रदेश के आम किसानों के लिए नई संभावनाओं के दरवाजे खुलेंगे.

आमों की यह खेप लखनऊ के मैंगो पैक हाउस से दुबई स्थित इम्पोर्टर Vergro Trading LLC को एयरलिफ्ट की गई है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक आमों की इस खेप कुल कीमत लगभग 2,992 अमेरिकी डॉलर है. इस मौके पर राज्य के हॉर्टिकल्चर, एग्री मार्केटिंग और कृषि विदेशी व्यापार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

हरियाणा सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पंचायतों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है. अब स्टाम्प ड्यूटी से होने वाली कमाई का 1 फीसदी हिस्सा सीधा पंचायतों को मिलेगा. पंचायती राज मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि इससे ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों को कुल 572.42 करोड़ रुपये का फंड ट्रांसफर किया गया है. उन्होंने कहा कि इससे न केवल पंचायतों को अपने स्तर पर योजनाएं बनाने और लागू करने में मदद मिलेगी, बल्कि गांवों का विकास भी तेजी से होगा. मंत्री ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार हर पंचायत को सशक्त और हर गांव को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है.

राज्य के बागवानी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश से आम का निर्यात लगातार बढ़ रहा है. हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के आम किसानों को वैश्विक बाजार में मजबूत पहचान दिलाई जाए. इसके लिए सरकार उत्पादन, पैकेजिंग और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के लिए हर संभव सहायता दे रही है.”

उन्होंने कहा कि यह पहल किसानों की आय बढ़ाने में मददगार होगी और उत्तर प्रदेश को आम के निर्यात के क्षेत्र में एक सशक्त केंद्र के रूप में स्थापित करेगी. इससे न सिर्फ प्रदेश के आम को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी, बल्कि गांवों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.