लखपति बनने का आसान तरीका…1 एकड़ में लगाएं नीले फल और कमाएं लाखों रुपए

ब्लूबेरी की खेती आज भारत के किसानों के लिए नई उम्मीद बनकर उभर रही है. इसकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर भारी डिमांड है. अगर किसान सही तकनीक अपनाकर इसकी खेती करें तो यह उनके लिए सोने की खान साबित हो सकती है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 6 Sep, 2025 | 10:19 AM

आपने अक्सर ब्लूबेरी का नाम सुना होगा. यह छोटा-सा नीला फल सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी किसी खजाने से कम नहीं है. यही वजह है कि इसकी कीमत बाजार में 1000 से 1500 रुपये किलो तक रहती है. आज भारत के किसान भी ब्लूबेरी की खेती कर रहे हैं और अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं. अगर आप भी खेती से मुनाफा बढ़ाना चाहते हैं, तो ब्लूबेरी की खेती आपके लिए वरदान साबित हो सकती है. आइए जानते हैं इसके फायदे और खेती की पूरी प्रक्रिया.

ब्लूबेरी की खासियत

ब्लूबेरी को “सुपरफूड” कहा जाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. यह फल कम कैलोरी वाला होता है, लेकिन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. यही कारण है कि हेल्थ कॉन्शस लोग और डाइटिंग करने वाले लोग इसे खास तौर पर पसंद करते हैं.

कैसे करें ब्लूबेरी की खेती?

ब्लूबेरी की खेती थोड़ी तकनीकी है, लेकिन अगर सही जानकारी और देखभाल से की जाए तो यह बहुत मुनाफा देती है.

मिट्टी का चुनाव- ब्लूबेरी को हल्की और जैविक पदार्थों से भरपूर मिट्टी चाहिए. सबसे जरूरी बात यह है कि मिट्टी का pH मान 5 से 5.8 होना चाहिए. ज्यादा क्षारीय मिट्टी में पौधे अच्छे से नहीं बढ़ते.

मौसम और तापमान- इसकी खेती ठंडी और समशीतोष्ण जलवायु में बेहतर होती है. लगभग 15 से 25 डिग्री सेल्सियस का तापमान अनुकूल माना जाता है. भारत में अप्रैल-मई में पौधारोपण किया जाता है.

सिंचाई और जल निकास ब्लूबेरी की जड़ों को ज्यादा पानी पसंद नहीं होता. इसलिए खेत में अच्छा जल निकास होना बेहद जरूरी है. हर 8-10 दिन में हल्की सिंचाई करनी चाहिए.

खाद और उर्वरक- जैविक खाद जैसे गोबर की सड़ी हुई खाद या कम्पोस्ट का इस्तेमाल पौधों के लिए सबसे अच्छा रहता है. साथ ही माइक्रोन्यूट्रिएंट्स वाले उर्वरक भी समय-समय पर देने चाहिए.

फल आने का समय- ब्लूबेरी के पौधे में बुवाई के लगभग 10 महीने बाद फल लगने शुरू होते हैं. फरवरी-मार्च से फल निकलना शुरू हो जाते हैं और जून तक फसल मिलती रहती है. इसके बाद पौधों की छंटाई करनी पड़ती है ताकि अगले सीजन में अच्छी पैदावार मिले.

ब्लूबेरी खाने के फायदे

ब्लूबेरी सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि हमारी सेहत के लिए भी वरदान है.

वजन घटाने में मददगार- इसमें कैलोरी बहुत कम होती है और फाइबर ज्यादा होता है.

ब्रेन के लिए फायदेमंद- नियमित सेवन से याददाश्त और एकाग्रता बढ़ती है.

दिल को रखे स्वस्थ- इसमें पोटैशियम और विटामिन B6 पाया जाता है जो हृदय रोग के खतरे को कम करता है.

स्किन के लिए बेहतरीन- इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को ग्लोइंग और हेल्दी बनाते हैं.

डाइजेशन बेहतर करता है- फाइबर की अधिकता पाचन तंत्र को मजबूत करती है.

कितना होगा मुनाफा?

अब सबसे अहम बातमुनाफे की करें चर्चा. एक एकड़ जमीन में लगभग 3000 ब्लूबेरी के पौधे लगाए जा सकते हैं. प्रत्येक पौधा औसतन 2 किलो फल देता है, जिससे कुल पैदावार 6000 किलो तक हो सकती है. बाजार में ब्लूबेरी की कीमत आमतौर पर 1000 से 1500 रुपये प्रति किलो होती है, जबकि प्रीमियम क्वालिटी की ब्लूबेरी 5000 रुपये प्रति किलो तक बिकती है. इस हिसाब से, एक छोटे से प्लॉट में भी किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं. अगर औसतन 1200 रुपये किलो भी मान लें, तो एक एकड़ से 70 से 80 लाख रुपये तक की कमाई संभव है. खर्च को निकालने के बाद भी किसान को मोटा मुनाफा हो सकता है.

ब्लूबेरी की खेती आज भारत के किसानों के लिए नई उम्मीद बनकर उभर रही है. इसकी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर भारी डिमांड है. अगर किसान सही तकनीक अपनाकर इसकी खेती करें तो यह उनके लिए सोने की खान साबित हो सकती है. आने वाले समय में ब्लूबेरी भारत की नकदी फसलों में बड़ी भूमिका निभा सकती है.

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