
मुर्रा भैंस डेयरी फार्मिंग की सबसे भरोसेमंद नस्ल मानी जाती है, क्योंकि यह सामान्य भैंसों की तुलना में अधिक दूध देती है. इसकी उच्च उत्पादन क्षमता किसानों को हर महीने स्थिर और दोगुना मुनाफा दिलाती है, जिससे डेयरी बिजनेस तेजी से बढ़ता है.

यह नस्ल अपनी मजबूत शारीरिक बनावट और तेज अनुकूलन क्षमता के कारण बेहद लोकप्रिय है. मौसम बदलने पर भी इसका दूध उत्पादन प्रभावित नहीं होता, जिससे पूरे साल निरंतर कमाई सुनिश्चित होती है और किसान को किसी बड़े जोखिम का सामना नहीं करना पड़ता.

मुर्रा भैंस एक बार में 10 से 16 लीटर तक दूध दे सकती है, जबकि कुछ उच्च गुणवत्ता वाली भैंसें 18 लीटर से भी ज्यादा उत्पादन करती हैं. यह मात्रा डेयरी फार्म की कुल आय को सीधे तौर पर कई गुना बढ़ा देती है.

इसके दूध की गुणवत्ता बेहद समृद्ध और गाढ़ी होती है, जो घी और पनीर बनाने के लिए आदर्श मानी जाती है. इससे किसानों को दूध के साथ-साथ दुग्ध उत्पादों से भी अतिरिक्त आय मिलती है, जिससे बिजनेस और मजबूत बनता है.

इस नस्ल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे विशेष या महंगे चारे की जरूरत नहीं पड़ती. सामान्य हरा चारा, सूखा चारा और खल-चोकर पर भी यह शानदार दूध देती है, जिससे पशुपालक का खर्च कम होता है और मुनाफा बढ़ जाता है.

मुर्रा भैंस बीमारियों से लड़ने की क्षमता में भी बेहतर होती है. यह तेजी से स्वस्थ रहती है और कई सामान्य पशु रोगों से खुद को बचा लेती है, जिससे इलाज और रखरखाव पर होने वाला खर्च कम हो जाता है और डेयरी फार्म की स्थिरता बढ़ती है.

यह नस्ल प्रजनन क्षमता में भी मजबूती दिखाती है. समय पर गर्भधारण और स्वस्थ बछड़े देने के कारण पशुओं की संख्या स्वाभाविक रूप से बढ़ती रहती है. इससे डेयरी फार्म की भविष्य की कमाई सुरक्षित रहती है और व्यवसाय लंबे समय तक लाभ देता है.