सबसे पहले बाजार से ताजी ब्लूबेरी खरीदें और उसे दो भागों में काटकर बीज निकाल लें. इन बीजों को टिशू पेपर पर फैला दें और अच्छी तरह सूखने दें. जब यह सूख जाएं तो दूसरे टिशू पेपर में रखकर थोड़ा पानी छिड़कें और किसी नमी वाले स्थान पर 15 से 25 दिन के लिए रख दें.
करीब 15-25 दिन बाद टिशू में छोटे-छोटे धागे जैसे अंकुर दिखने लगेंगे. अब इन बीजों को सावधानी से निकालें और गमले में लगाएं. इसके बाद गमले को किसी पारदर्शी प्लास्टिक बैग से ढक दें ताकि नमी बरकरार रहे और तापमान नियंत्रित बना रहे.
ब्लूबेरी के पौधे अम्लीय (एसिडिक) मिट्टी में ही अच्छे से पनपते हैं. इसलिए मिट्टी का पीएच लेवल 4.5 से 5.5 के बीच बनाए रखना जरूरी है. सामान्य मिट्टी में ब्लूबेरी पनपेगा नहीं, इसलिए पीट मॉस या एसिडिक सॉइल मिलाकर गमले की मिट्टी तैयार करें.
गमले को दिन में कम से कम 4 घंटे धूप में रखें. जैसे ही पौधे में छोटी-छोटी पत्तियां निकलने लगें, प्लास्टिक कवर हटा दें और गमले को ऐसी जगह रखें जहां से उसे सीधी धूप और ताजगी मिलती रहे.
जब पौधा छोटा और नाजुक होता है तो उसे डायरेक्ट पानी देने से बचें. इससे जड़ें सड़ सकती हैं. इसके बजाय पानी को स्प्रे बोतल से छिड़कें ताकि नमी भी बनी रहे और पौधे को नुकसान भी न पहुंचे.
ब्लूबेरी का पौधा लगभग 3 महीनों में आकार लेने लगता है, लेकिन इसमें फल आने में कम से कम 1 से 1.5 साल का समय लगता है. इस दौरान धैर्य रखें और समय-समय पर पौधे की देखभाल, धूप, पानी और मिट्टी की स्थिति पर ध्यान देते रहें.