अक्टूबर- नवंबर में किसान गेहूं के बजाए करें इन फसलों की बुवाई, कम लागत में होगी बंपर कमाई

धान की कटाई के बाद किसान रबी फसल की तैयारी में जुट गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं के साथ-साथ दलहन, तिलहन और सब्जियों की खेती करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. इन फसलों में खर्च कम और मुनाफा ज्यादा होता है, साथ ही मिट्टी की उर्वरता भी बेहतर रहती है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 21 Oct, 2025 | 07:25 PM

Rabi Farming: धान कटाई के साथ ही किसान रबी फसल की बुवाई करने के लिए तैयारी में जुट गए हैं. कोई चना तो कोई मसूर की बुवाई करने की तैयारी कर रहा है. लेकिन सबसे ज्यादा किसान गेहूं की बुवाई कर रहे हैं. क्योंकि किसानों को लगता है, गेहूं की खेती अधिक कमाई है. लेकिन किसानों को मालूम होना चाहिए कि कई ऐसी रबी फसलें हैं, जिसकी बुवाई करने पर गेहूं से अधिक कमाई होगी. बस इसके लिए किसानों को थोड़ी मेहन करने की जरूरत है.

अक्टूबर-नवंबर का महीना गेहूं की बुवाई के लिए सही समय होता है. हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि किसान सिर्फ गेहूं तक ही न सीमित रहें, बल्कि दलहन, तिलहन और सब्जियों जैसी फसलों की भी खेती करें, जिससे कम लागत में अच्छा फायदा मिल सकता है. रबी सीजन की शुरुआत में मौसम और वातावरण खेती के लिए काफी अनुकूल होता है. इस समय किसानों के पास कई फसलों के विकल्प होते हैं. आमतौर पर किसान गेहूं की खेती को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन इसमें बीज, खाद, पानी  और मजदूरी का खर्च ज्यादा आता है. जबकि मुनाफा उतना नहीं होता. इसलिए किसानों को गेहूं के साथ-साथ मसूर, चना, मटर जैसी दलहन फसलों, सरसों और अलसी जैसी तिलहन फसलों और मौसमी सब्जियों की खेती  पर भी ध्यान देना चाहिए. इन फसलों में खर्च कम आता है और फायदा ज्यादा होता है. खासतौर पर दलहन फसलें मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने में भी मदद करती हैं और अच्छी पैदावार देती हैं.

दालों की बुवाई से पहले करें ये काम

इसलिए दालों की बुवाई से पहले बीज पर राइजोबियम कल्चर लगाना जरूरी होता है. ये करीब 200 रुपये में 4-5 बीघा जमीन के लिए आसानी से मिल जाता है. बुवाई से एक दिन पहले बीज को 2-3 फीसदी गुड़ के घोल से हल्का गीला करके उसमें राइजोबियम मिलाएं और बीज को कुछ समय के लिए रख दें. इससे फसल की गुणवत्ता  और उत्पादन दोनों बेहतर होते हैं. खास बात यह है कि दलहन फसलों की खेती से मिट्टी में 40-50 किलो नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर अपने आप बढ़ जाती है, जिससे अगली फसल में खाद की जरूरत काफी हद तक कम हो जाती है.

किसान करें सब्जियों की खेती

अगर किसान चाहें, तो तिलहन की भी खेती कर सकते हैं. मार्केट में कई ऐसी किस्में आ गई हैं, जो कम सिंचाई और कम खाद में ही तैयार हो जाती हैं. इससे मुनाफा भी ज्यादा होता है. इसके अलावा किसान सब्जियों में प्याज की भी खेती  करते हैं. जिससे किसानों को अच्छी आमदनी हो सकती है. इससे मिट्टी की सेहत और खेत की उर्वरता भी लंबे समय तक बनी रहेगी.

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Published: 21 Oct, 2025 | 07:21 PM

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